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ऐसा हुआ तो झारखंड सरकार किसानों को देगी 4 हजार रुपये, केवल ये लोग ही ले सकेंगे लाभ

Jharkhand Government Schemes: झारखंड फसल राहत योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को अधिकतम 4 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सहायता राशि देती है. प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह योजना लायी गयी है.

रांची : झारखंड सरकार ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से राहत देने के लिए “झारखंड फसल राहत योजना” की शुरुआत की है. इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 4,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है. यह योजना झारखंड के किसानों को फसल क्षति के कारण होने वाले आर्थिक संकट से बचाने के लिए शुरू की गई है. प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई बार किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित होती है. यह योजना किसानों को बाढ़, सूखा, भूकंप, तूफान, चक्रवात, भूस्खलन, ओलावृष्टि जैसी आपदाओं की वजह से हुए नुकसान की भरपाई में सहायक सिद्ध होगी.

योजना में कौन- कौन से आनाज शामिल

यह बीमा योजना नहीं, बल्कि सीधी राहत योजना है. जिसमें किसानों को किसी भी प्रकार का प्रीमियम नहीं देना होगा. सरकार प्रभावित किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. भूमि मालिक और भूमिहीन किसान दोनों इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं. इस योजना में खरीफ (धान, मक्का) और रबी (गेहूं, सरसों, चना, आलू) की फसलें शामिल हैं.

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कौन-कौन से किसान होंगे पात्र?

झारखंड के स्थायी किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा. वैसे किसान जिनके पास 5 एकड़ या उससे कम कृषि भूमि हो वे इस भी योजना के पात्र हो सकते हैं. इसके अलावा रैयत (भूमि मालिक) या( बटाईदार) किराये पर खेती करने वाले किसान इसका लाभ ले सकते हैं. आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होना अनिवार्य है . किसानों के पास आधार कार्ड और भूमि के वैध दस्तावेज (एलपीसी/भूमि रसीद) होने चाहिए. कम से कम 20 फीसदी फसल क्षति होने पर ही किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक होगी.

कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता

किसानों को भुगतान उनके नुकसान को देखते हुए किया जाता है. 30-50 फीसदी फसल के नुकसान होने पर – 3,000 रुपये प्रति एकड़ (अधिकतम 5 एकड़ तक) की सहायता दी जाती है. 50 फीसदी से अधिक नुकसान होने पर 4,000 रुपये प्रति एकड़ (अधिकतम 5 एकड़ तक) की सहायता राशि दी जाता है.

किस प्रकार के नुकसान इस योजन के तहत नही आती

युद्ध या परमाणु हमले से होने वाले नुकसान इस योजना के अंतर्गत नही आते हैं. किसानों द्वारा की गई लापरवाही या अवैज्ञानिक खेती के कारण हुए नुकसान पर किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं दी जाएगी. वहीं, जंगली जानवरों की वजह से फसलों के नुकसान में भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि सरकार की अन्य योजनाओं में इस स्कीम के तहत मुवाअजा का प्रावधान है.

किसानों के लिए फायदेमंद क्यों है यह योजना?

किसानों को इस योजना के तहत बिना किसी प्रीमियम के आर्थिक सुरक्षा मिलेगी. प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान की सीधी भरपाई की जाएगी. कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से स्थिर और मजबूत बनाने के लिए इस योजना का लाभ क्षेत्र के वे सभी किसानो को मिलेगा जो इस योजना के अंतर्गत आते हैं. किसानों को नये सिरे से खेती करने के लिए वित्तीय सहयोग मिलेगा. खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण और कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी.

इनपुट : लीजा बाखला

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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