Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट ने रांची शहर में ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी और राज्य सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) बनाया जाना चाहिए.
एसओपी बनाकर पेश करने का निर्देश
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एसओपी बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 20 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारूका और शुभम कटारुका ने पैरवी की.
ये भी पढ़ें: Jharkhand High Court: सहायक आचार्य परीक्षा मामले में JSSC पर झारखंड हाईकोर्ट नाराज, 2 जुलाई को अगली सुनवाई
सिर्फ 18 जिलों ने ही भेजी स्टेटस रिपोर्ट
बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान लिया था. इसके साथ ही झारखंड सिविल सोसाइटी और अन्य की ओर से भी अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने याचिका में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों का पालन कराने की मांग की है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को सभी जिलों में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए की गयी कार्रवाई के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था. 18 जिलों के उपायुक्तों द्वारा स्टेटस रिपोर्ट दायर की गयी थी. पांच जिलों से रिपोर्ट नहीं आयी थी. इस पर खंडपीठ ने आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया.
ये भी पढ़ें: Ranchi Civil Court: नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के 4 दोषियों को उम्रकैद, रांची की अदालत ने सुनायी सजा
ये भी पढ़ें: Hul Diwas 2025: ‘दिशोम गुरु हैं अस्वस्थ, नहीं आ सके भोगनाडीह’ संताल हूल के महानायकों को नमन कर बोले सीएम हेमंत सोरेन