झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने साहिबगंज के बरहरवा थाने में दर्ज प्राथमिकी में 24 घंटे के अंदर आरोपियों को क्लीन चिट देने के मामले की सीबीआइ जांच काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को मामले में प्रतिवादी बनाने की अनुमति प्रदान की. साथ ही निचली अदालत में मामले के ट्रायल पर रोक लगा दी. अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का कृत्य करना वांछित नहीं है. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि टोल प्लाजा के ठेके में शामिल होने पर टेलीफोन पर पंकज मिश्र ने धमकाया था. इसे लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. पुलिस ने 14 गवाहों का परीक्षण व मामले का अनुसंधान महज आधे घंटे में पूरा कर लिया. अनुसंधान के क्रम में ही आरोपी ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम व सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज कुमार मिश्र को क्लीन चिट भी दे दिया गया. प्रार्थी द्वारा दिये गये वाॅयस रिकॉर्डिंग को पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में जांच के लिए नहीं भेजा. प्रथम दृष्टया लगता है कि इस मामले में आरोपियों ने जांच को प्रभावित किया है. प्रार्थी को धमकी मिल रही है. हालांकि उन्हें सुरक्षा मिल गयी है. अधिवक्ता श्री मिश्र ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया.
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झारखंड हाईकोर्ट ने बरहरवा मामले में ट्रायल पर लगायी रोक, ED को दिया ये निर्देश
बरहरवा थाने में दर्ज प्राथमिकी में 24 घंटे के अंदर आरोपियों को क्लीन चिट देने के मामले की सीबीआइ जांच काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की.
By Raj Lakshmi
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Raj Lakshmi
Reporter with 1.5 years experience in digital media.
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