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NTPC पर हजार करोड़ का जुर्माना, अवैध खनन के जुर्म में भरना होगा हर्जाना

बड़कागांव के मंटू सोनी की शिकायत पर एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोल परियोजना में शर्तों के खिलाफ हो रहे काम की जांच करायी गयी थी. इसमें दुमुहानी नाला (नदी) को नष्ट कर अवैध खनन करने का मामला है

भारत सरकार की महारत्न कंपनी एनटीपीसी पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन विभाग की जमीन पर अवैध खनन करने के जुर्म में हर्जाना देने का आदेश दिया है. हर्जाना वर्तमान मूल्य से पांच गुना और 12% की दर से ब्याज देना है. इससे जुर्माने की राशि करीब 1000 करोड़ तक होने का अनुमान है. मंत्रालय ने इससे संबंधित जानकारी राज्य सरकार के वन विभाग को दी है.

बड़कागांव के मंटू सोनी की शिकायत पर एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोल परियोजना में शर्तों के खिलाफ हो रहे काम की जांच करायी गयी थी. इसमें दुमुहानी नाला (नदी) को नष्ट कर अवैध खनन करने का मामला है. एनटीपीसी और उसके एमडीओ त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग द्वारा भारत सरकार के शर्तों का उल्लंघन कर अवैध खनन के मामले में मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय ने 156 हेक्टेयर में अवैध खनन के अनुसार एनपीवी का 3.5% के अनुसार 81 करोड़ जुर्माना की अनुशंसा की थी.

इसी आधार पर एनटीपीसी के कुल लीज क्षेत्र 1026 हेक्टेयर वन भूमि पर एनपीवी का पांच गुना और 12% ब्याज के साथ जुर्माना लगाने का निर्णय लिया. यह राशि लगभग हजार करोड़ रुपये होगी.हजारीबाग जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी के पकरी बरवाडीह कोल परियोजना में उसके एमडीओ (माइन डेवलपर ऑपरेटर) पर फॉरेस्ट क्लियरेंस स्टेज-2 की शर्तों का उल्लंघन कर काम करने का आरोप है. मंटू सोनी के अधिवक्ता नवेंदू कुमार के आरोपों और साक्ष्यों की जांच की गयी.

समिति ने उपयोगकर्ता के खनन कार्यों की तुलना में क्षेत्र के हाइड्रोलॉजिकल प्रभाव को देखने के लिए एक उप समिति गठित करने की सिफारिश की थी. उप समिति को त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग प्रालि द्वारा विशेष रूप से दुमुहानी नाला और क्षेत्र की जलवायु पारिस्थितिकी की बदलाव, आकलन और प्रभाव का अध्ययन करने को कहा गया था.

समिति की रिपोर्ट पर एडवाइजरी कमेटी ने लगाया जुर्माना :

फॉरेस्ट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन कर 100 एकड़ एरिया में अवैध खनन के मामले में शिकायत मिलने के बाद जांच की गयी. जांच में पुष्टि होने के बाद केंद्रीय एडवाइजरी कमेटी की बैठक में एक उपसमिति गठित की. इसमें अपर सचिव ओपी शर्मा, आइएसएम धनबाद के प्रोफेसर अंशुमाली, झारखंड सरकार के एपीसीसीएफ शामिल थे.

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहायक इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट सुमित भारद्वाज ने 17 फरवरी को पत्र जारी कर उपसमिति से जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी थी. अप्रैल में रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी थी. इसके बाद मंत्रालय की एडवाइजरी कमेटी ने एनटीपीसी पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एनपीवी (नेट प्रजेंट वैल्यू) का पांच गुना के साथ 12 प्रतिशत ब्याज सहित जुर्माना लगाने का निर्णय लिया.

Prabhat Khabar News Desk
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