रांची (वरीय संवाददाता). प्रदेश भाजपा ने झामुमो की प्रेस वार्ता पर पलटवार किया है व कहा कि झामुमो का रवैया राज्य सरकार से भिन्न और विरोधाभासी होता जा रहा है. एक तरफ झारखंड सरकार के प्रतिनिधि वित्त आयोग से मुलाकात कर राज्य की मांगें रखते हैं, वहीं दूसरी ओर झामुमो के प्रवक्ता उसी वित्त आयोग को सार्वजनिक मंचों से कोस रहे हैं. यह दोहरी राजनीति प्रदेश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास है. भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है. परंतु कांग्रेस के शासनकाल में इस संवैधानिक संस्था को किनारे कर गैर-संवैधानिक योजना आयोग के जरिये निर्णय लिये जाते थे. भाजपा की सरकार ने सत्ता में आने के बाद न सिर्फ योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की, बल्कि वित्त आयोग को भी वास्तविक शक्ति और सम्मान प्रदान किया है. कहा कि यह संस्था विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए राज्यों को मार्गदर्शन देती है, परंतु झामुमो के प्रवक्ता इसके विपरीत वित्त आयोग पर अशोभनीय और अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं, जो संवैधानिक मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. साथ ही संविधान व संघीय ढांचे का अपमान है. श्री साह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड को दी गयी अधिकांश योजनाओं और फंडों में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत योजना में भारी वित्तीय अनियमितता की पुष्टि स्वयं कैग रिपोर्ट कर चुकी है. जल जीवन मिशन में झारखंड पूरे देश में सबसे फिसड्डी प्रदर्शन कर रहा है. स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य की नाकामी स्पष्ट है.
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