22.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Jharkhand News: हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- जेपीएससी को बंद कर देना चाहिए लेकिन हम ऐसा आदेश नहीं दे सकते

नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) में कोई काम नहीं हो रहा है. माैखिक रूप से कहा कि जेपीएससी को बंद कर देना चाहिए, लेकिन यह संवैधानिक संस्था है, इसलिए हम ऐसा आदेश नहीं दे सकते हैं.

झारखंड हाइकोर्ट ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में संसाधनों की कमी व स्वीकृत पदों पर नियुक्ति के मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से सख्त टिप्पणी की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एफएसएल में सारे काम गोपनीय होते हैं. वहां रिक्त पदों पर आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति कैसे हो सकती है.

वैसी स्थिति में जांच की गोपनीयता भंग होने का हमेशा खतरा रहेगा. रिक्त पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है. अधियाचना भेजे जाने के एक साल के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) में कोई काम नहीं हो रहा है. माैखिक रूप से कहा कि जेपीएससी को बंद कर देना चाहिए, लेकिन यह संवैधानिक संस्था है, इसलिए हम ऐसा आदेश नहीं दे सकते हैं.

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने जेपीएससी के अधिवक्ता को तुरंत वर्चुअल उपस्थित होने को कहा. अधिवक्ता के उपस्थित होने पर खंडपीठ ने फटकार लगाते हुए पूछा कि एफएसएल में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने में क्यों देरी हो रही है. राज्य का महत्वपूर्ण संस्थान एफएसएल है, जहां 40 प्रतिशत से कम मैनपावर पर काम हो रहा है, यह शर्म की बात है. खंडपीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित जेपीएससी व जेएसएससी को शपथ पत्र दायर कर पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया.

इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से बताया गया कि एफएसएल में वर्ष 2011 में पद सृजित कर दिया गया था. राजपत्रित व गैर राजपत्रित (तकनीकी पद सहित) रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) व झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को पिछले वर्ष में भेजा गया है. जेपीएससी व जेएसएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा.

जज उत्तम आनंद की माैत मामले में नार्को टेस्ट की रिपोर्ट अहम: झारखंड हाइकोर्ट ने जज उत्तम आनंद माैत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआइ की अोर से प्रस्तुत जांच की प्रगति रिपोर्ट देखी. खंडपीठ ने माैखिक रूप से कहा कि आरोपियों की नार्को टेस्ट की रिपोर्ट अहम है. सभी बिंदुअों पर जांच होनी चाहिए.

रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि घटना के दिन मार्निंग वॉक कर रहे जज उत्तम आनंद को ऑटो चालक ने जानबूझ कर टक्कर मारी थी. खंडपीठ ने सीबीआइ से मोटरसाइकिल सवार के बारे में जानकारी मांगी. इस पर सीबीआइ की अोर से बताया गया कि मोटरसाइकिल सवार घटना को देखने के बाद डर गया था. इसलिए वह वापस नहीं गया. उससे पूछताछ की गयी है. सभी बिंदुअों पर जांच चल रही है.

कुछ लोगों की गतिविधियां संदिग्ध पायी गयी है. आरोपियों के नार्को टेस्ट की रिपोर्ट आना बाकी है. रिपोर्ट मिलने के बाद कोर्ट को अवगत कराया जायेगा. खंडपीठ ने सीबीआइ को जांच में तेजी लाने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के दाैरान जांच का स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा.

Also Read: न भाला, न मैदान, झारखंड से कैसे निकलेंगे नीरज चोपड़ा, विभाग की ये है दलील

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel