रांची. झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) राज्य में आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार दिलाने के लिए ट्राइबल इंटरप्रेन्योरिशप कार्यक्रम चलायेगा. इस कार्य के लिए आइआइटी धनबाद (आइएसएम ) चार वर्ष तक सहयोग करेगा. आइआइटी धनबाद ने इसके लिए जेयूटी को दो करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. प्रथम फेज (प्रथम वर्ष) में आइआइटी धनबाद ने जेयूटी को 50 लाख रुपये उपलब्ध कराये हैं.
जेयूटी में लैब स्थापित किया गया है.
कुलपति डॉ डीके सिंह के अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने अौर उनके लिए आय के नये रास्ते खोलने का तरीका है. इसके लिए जेयूटी में लैब स्थापित किया गया है. जिसमें विद्यार्थी अपने आइडिया के आधार पर स्टार्टअप विकास कर सकते हैं. कुलपति ने बताया कि इस योजना में राज्य के कोई भी कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं. अगर टीम के रूप में विद्यार्थी शामिल होते हैं, तो उन्हें भी सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. शर्त यह रहेगी कि उस टीम में कम से कम एक ट्राइबल विद्यार्थी का होना आवश्यक है. विवि द्वारा विद्यार्थियों के बीच आइडिया के आधार पर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा. इसमें विजयी प्रतिभागियों को स्टार्टअप में सहयोग के लिए जेयूटी द्वारा सीड मनी उपलब्ध करायी जायेगी. बड़ा स्टार्टअप के लिए आइआइटी धनबाद उक्त विद्यार्थी या ग्रुप को सीधे सहयोग करेगा.
इलेक्ट्रिक वाहन लैब स्थापित
जेयूटी में विद्यार्थियों के लिए इलेक्ट्रिकल वाहन लैब स्थापित किया गया है. यह लैब आइसीआइसीआइ बैंक द्वारा सीएसआर के तहत स्थापित किया गया है. इस लैब में विद्यार्थी इलेक्ट्रिकल वाहन के संबंध में जानकारी हासिल करेंगे व स्वयं असेंबल भी कर सकेंगे.
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