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लातेहार के बारियातू अंचल के नये सर्वे में नचना व गाड़ी मौजा के करीब तीन हजार एकड़ भूमि ऑनलाइन नहीं

बारियातू प्रखंड वर्ष 2005 में बना था. इससे पूर्व अंचल के सारे कार्य बालूमाथ अंचल से निष्पादित होते थे. वर्ष 2014 में बारियातू में अंचल कार्यालय भी स्थापित कर दिया गया.

पूरी दुनिया में लोग डिजिटल होते जा रहे हैं. यह समय की मांग भी है. करीब-करीब सभी सरकारी कार्य अब ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हो रहे हैं. इसमें समय की बचत तो होती है, पर कभी-कभी कुछ त्रुटियों की वजह से लोगों को काफी परेशानी भी होती है. सरकारी ताने-बाने का मकड़जाल ऐसा है कि कुछ त्रुटियां कई वर्षों में भी दूर नहीं हो पाती है. एक ऐसा ही मामला बारियातू अंचल कार्यालय से जुड़ा है. बारियातू अंचल के दो मौजा की करीब तीन हजार एकड़ भूमि अब तक ऑनलाइन नहीं हो पायी है. इससे इस मौजा के ग्रामीण, तो परेशान हैं ही सरकार को भी प्रति वर्ष लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

क्या है मामला

पलामू प्रमंडल के सभी क्षेत्र में वर्ष 2016 से नया सर्वे खतियान चालू कर दिया गया है. अब इस नये सर्वे खतियान के आधार पर ही जमीन की खरीदारी-बिक्री, मालगुजारी, दाखिल-खारिज समेत अन्य कार्य हो रहे हैं. बारियातू प्रखंड वर्ष 2005 में बना था. इससे पूर्व अंचल के सारे कार्य बालूमाथ अंचल से निष्पादित होते थे. वर्ष 2014 में बारियातू में अंचल कार्यालय भी स्थापित कर दिया गया.

जब से नया सर्वे खतियान लागू किया गया, तब से बारियातू अंचल के हल्का सात के नचना व गाड़ी मौजा की करीब तीन हजार एकड़ भूमि ऑनलाइन दिख ही नहीं रही है. नचना मौजा में करीब एक हजार एकड़ व गाड़ी मौजा की करीब दो हजार एकड़ भूमि का नये सर्वे खतियान में खाता ही नहीं बन पाया है.

सरकार को हो रहा राजस्व का नुकसान

दोनों मौजा की करीब तीन हजार एकड़ भूमि ऑनलाइन नहीं दिखने से यहां के ग्रामीण व राज्य सरकार दोनों प्रभावित हो रहे हैं. ऑनलाइन नहीं दिखने के कारण उक्त भूमि की खरीद-बिक्री नहीं हो पा रही है. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं यहां के किसानों को मिलने वाले प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान योजना का लाभ नहीं मिल रहा. उन्नत बीज, खाद आदि भी नहीं मिल पा रहा है. केसीसी का लाभ नहीं मिल रहा. किसी भी सरकारी योजना से इस एरिया के लोग वंचित हो जा रहे है.

क्या कहती हैं अंचलाधिकारी

अंचलाधिकारी प्रतिमा कुमारी ने कहा कि नचना व गाड़ी मौजा की भूमि नये सर्वे में ऑनलाइन नहीं हुई थी. इससे परेशानी बढ़ी थी. इससे संबंधित रिपोर्ट हल्का कर्मचारी व अमीन द्वारा तैयार कर जिला को अग्रतर कार्रवाई के लिये भेज दी गयी थी. रिपोर्ट के आधार पर नचना मौजा के खाता एक से 30 तक तथा गाड़ी मौजा के खाता एक से 307 तक का रजिस्टर टू ऑनलाइन पर काम हो गया है. कुछ काम बाकी है. कुछ खतियान ऑनलाइन हो गये हैं. इससे जुड़े लोग रसीद कटवा लें.

Prabhat Khabar News Desk
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