प्रमुख संवाददाता, रांची. राज्य के विभिन्न जिलों में खास महाल की जमीन पर पूर्व से निर्मित रिहायशी व व्यावसायिक दुकानों के लीज नवीकरण को लेकर मंत्रियों ने मुख्य सचिव, भू राजस्व सचिव व वन विभाग के सचिव के साथ बैठक हुई. बैठक में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, भू राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ व नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू भी शामिल हुए. बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी. खास महाल जमीन का लीज नवीकरण जल्द शुरू करने की बात कही गयी. वित्त मंत्री ने लीज नवीकरण के लिए भुगतान की जाने वाली सलामी राशि कम करने, लीज भूमि को बंधक रखने के प्रावधान, आवासीय तथा व्यावसायिक लीज में बहुमंजिला मकान बनाने की अनुमति, लीज नवीकरण अंतरण तथा लीज प्रयोजन में परिवर्तन की प्रक्रिया निर्धारित किये जाने और लीजधारियों के लिए लगान दर को कम करने पर विचार रखे. नगर विकास मंत्री ने कहा कि लीजधारियों के लिए लगान दर का निर्धारण व्यावहारिक हो. ताकि, लोगों पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो सके. भू-राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को लीज नवीकरण के मामले में उत्पन्न समस्याओं का शीघ्र निराकरण कर संकल्प तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इससे मंत्रिपरिषद की स्वीकृति प्राप्त कर शीघ्र समस्या का समाधान किया जा सकेगा. मुख्य सचिव अलका तिवारी व भू-राजस्व सचिव चंद्रशेखर ने बताया कि खास महाल भूमि सरकार की संपत्ति है. पलामू, हजारीबाग व अन्य जिलों में खास महाल भूमि के लीज नवीकरण के अनेकों मामले लंबित पड़े हैं. लीज नवीकरण के लंबित मामलों का समाधान नहीं होने के कारण लीजधारियों को परेशानी होती है. इससे राज्य सरकार को भी राजस्व की क्षति हो रही है. लीजधारियों की सुविधा एवं राजस्व वृद्धि के लिए लीज नवीकरण के मामले पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी.
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