रांची. पहाड़ी मंदिर की मौजूदा स्थिति और इस ऐतिहासिक पहाड़ी को संरक्षित करने की मांग करते हुए राजधानी के जागरूक युवक ज्योति कुमार ने रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को पत्र लिखा है. अपने पत्र में ज्योति ने लिखा है कि ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर की संरचना को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है.
सरकार द्वारा गठित टीम ने किया है सतर्क
ज्योति ने बताया है कि चूहों के बिल खोदने की वजह से रांची पहाड़ी पर स्थित मुख्य मंदिर (शिवालय) की दीवारों, नींव और फर्श को अंदर नुकसान पहुंच रहा है. पहाड़ी मंदिर का निरीक्षण करनेवाली तकनीकी दलों ने भी स्पष्ट किया गया है कि पहाड़ी पर किसी भी प्रकार के नये निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इससे पहाड़ी और भी कमजोर हो सकती है. मंदिर परिसर में जगह-जगह अव्यवस्था है. टूटी हुई सीढ़ियां, गाड़ियों की अवैध पार्किंग और पौधारोपण के नाम पर केवल औपचारिकता निभायी जा रही है. यह गलत है. इस तरह की गतिविधियां मंदिर की गरिमा और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत हैं. पत्र के माध्यम से ज्योति ने चार बिंदुओं पर अपनी मांग रखी है. गौरतलब है कि पहाड़ी मंदिर की दुर्दशा पर ‘प्रभात खबर’ ने छह जुलाई के रांची संस्करण में ‘पहाड़ी मंदिर संकट में नींव हिला रहे चूहे’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी.
पत्र में रखी गयी मांगें
– पहाड़ी मंदिर की मौजूदा स्थिति की उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए.– चूहों द्वारा किये जा रहे नुकसान को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी और उचित कदम उठाये जायें.
– मंदिर परिसर में स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था सुनिश्चित की जाये.– निर्माण कार्यों पर निगरानी रखी जाये, ताकि पहाड़ी की प्राकृतिक संरचना को नुकसान न हो.
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