रांची. नागपुरी के एसोसिएट प्रोफेसर और साहित्यकार डॉ राम प्रसाद का निधन हो गया. उन्होंने हरमू वसंत विहार स्थित अपने आवास पर शनिवार की सुबह अंतिम सांस ली. दोपहर में हरमू मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया. स्व प्रसाद अपने पीछे दो बेटियां स्वाति श्रेया एवं पूर्वा प्रसाद तथा बेटे श्वेताभ शैल सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं. वह गत एक वर्ष से अस्वस्थ चल रहे थे. दो दिन पूर्व ही उन्हें अस्पताल से घर लाया गया था. उनके अंतिम संस्कार में डॉ हरि उरांव, वीरेंद्र महतो, डॉ कोरनेलियुस मिंज, डॉ इंद्रजीत राम, डॉ सुखदेव साहू, राम चंद्र साहू, जगदीश प्रसाद, मनोज प्रसाद सहित अन्य शामिल हुए. डॉ राम प्रसाद का जन्म 20 जुलाई 1953 को सिमडेगा जिले के रुसु गांव में हुआ था. उन्होंने हिंदी विषय में एमए, एलएलबी और पीएचडी की थी. वे नागपुरी के पहले डी-लिट धारी थे. डॉ राम प्रसाद ने 1980 से गोस्सनर कॉलेज रांची में नागपुरी अध्यापन कार्य प्रारंभ किया था. 2011 से गोस्सनर कॉलेज में संचालित इग्नू केंद्र में हिंदी में स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों को पढ़ाते थे. नागपुरी साहित्य जगत में इनकी एक अलग पहचान थी. इनकी पुस्तकों में नागपुरी लोक कथा संग्रह, नागपुरी कोरी भइर पझरा, खुखुड़ी रुगड़ा प्रमुख है. डॉ प्रसाद के निधन पर इंकलाबी नौजवान लेखक संघ, जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उमेश नंद तिवारी सहित अन्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है.
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