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Ranchi News: प्रोफेसर नियुक्ति में नीड बेस्ड व्याख्याताओं को मिलेगा वेटेज, उम्र सीमा पर भी होगा विचार

Ranchi News:राज्य सरकार प्रोफेसर नियुक्ति में कार्यरत नीड बेस्ड व्याख्याताओं को वेटेज देगी. इसके साथ ही उम्र सीमा में कुछ छूट को लेकर भी राज्य सरकार विचार करेगी.

रांची. राज्य सरकार प्रोफेसर नियुक्ति में कार्यरत नीड बेस्ड व्याख्याताओं को वेटेज देगी. इसके साथ ही उम्र सीमा में कुछ छूट को लेकर भी राज्य सरकार विचार करेगी. कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव के एक सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सदन में यह जानकारी दी. प्रभारी मंत्री सुदिव्य ने सदन को बताया कि राज्य में पठन-पाठन की व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यकता आधारित प्रोफेसर को अनुबंध पर रखा गया है. राज्य सरकार ने 2416 प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए जेपीएससी को अधियाचना भेजा है. सरकार जल्द ही नियमित प्रोफेसर की नियुक्ति करेगी.

नीड बेस्ड 700 प्रोफेसर को समायोजित करने की मांग

मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने अल्पसूचित के माध्यम से राज्य में नीड बेस्ड 700 प्रोफेसर को समायोजित करने की मांग रखी थी. विधायक श्री यादव का कहना था कि ये प्रोफेसर सारी अर्हता रखते हैं. इनकी नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का भी पालन भी हुआ है. इसमें 90 प्रतिशत झारखंड के लोग हैं. ये 2017 से काम कर रहे हैं. आठ वर्ष इनके पास अनुभव भी है. इनको स्थायी करने में सरकार को क्या दिक्कत है. प्रभारी मंत्री सुदिव्य का कहना था कि बुनियादी तौर पर यह नीतिगत फैसला है. इनको वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रखा गया है. किसी एक वर्ग को समायोजित करना सही नहीं होगा, यह उदाहरण बन जायेगा. इनके आठ वर्ष का अनुभव हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे. नियुक्ति में इनको प्राथमिकता होगी. इनको कुछ वेटेज दिया जायेगा.

स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को रोका नहीं जा सकता है

विधायक श्री यादव का कहना था कि जेपीएससी को अधियाचना भेजी गयी है, उसमें कोई शर्त नहीं जोड़ी गयी है. बाद में शर्त जोड़ी जायेगी, तो कोई कोर्ट चला गया, तो मामला फंस सकता है. नियुक्ति में सरकार कोई शर्त बीच में कैसे जोड़ सकती है. हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्यों ने ऐसे शिक्षकों को नियुक्ति में विशेष रूप से प्राथमिकता दी है. राज्य सरकार मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए इनको समायोजित करे. प्रभारी मंत्री सुदिव्य का कहना था कि स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को रोका नहीं जा सकता है. विज्ञापन प्रकाशन से पूर्व सरकार नीति परिवर्तन कर सकती है. इनके काम का प्रति वर्ष के अनुभव के आधार पर वेटेज दिया जायेगा, इसके साथ ही उम्र सीमा को लेकर भी विचार करेंगे.

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