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Political News : अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए हेमंत सरकार ने लायी नयी शराब नीति : बाबूलाल

बाबूलाल मरांडी ने नयी शराब नीति पर निशाना साधा है. प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से श्री मरांडी ने कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल में तीसरी बार शराब घोटाले की नींव डाली है.

रांची (प्रमुख संवाददाता). प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार की नयी शराब नीति पर निशाना साधा है. प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में तीसरी बार शराब घोटाले की नींव डाली है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले दो घोटाले अभी जांच के घेरे में हैं और अब तीसरी बार अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए नये तरीके से शराब नीति लायी गयी है. यह माफिया को खुली छूट देकर शराब पर कब्जे की वैधानिक कार्रवाई है. इस नीति के तहत नीलामी यूनिट के आधार पर होगी. हर यूनिट में एक से चार दुकानों का प्रावधान है. कोई भी व्यक्ति या समूह इसके तहत अधिकतम 12 यूनिट ले सकता है. इसमें ऐसा भी प्रावधान है कि अगर किसी ने ऐसी यूनिट ली, जिसमे चार दुकानें हैं तो वह व्यक्ति या समूह एक जिले में 48 दुकानें ले सकता है. इतना ही नहीं एक व्यक्ति या समूह इस नीति के तहत राज्य में 140 दुकानें ले सकता है.

श्री मरांडी ने कहा कि सबको पता है कि कारोबारी पहले से ही दो, चार, दस, बीस कंपनियां बनाकर बैठे हैं. वे अलग-अलग कंपनियों और समूहों के नाम पर नीलामी में भाग लेंगे व इस नीति का फायदा उठाकर पूरे राज्य की शराब दुकानों पर कब्जा और एकाधिकार स्थापित करेंगे और फिर एक बार राज्य के शराब व्यापार पर कुछ चुनिंदे नामों का खुला नियंत्रण होगा. इस प्रकार यह नीति माफियाओं को कानूनी मान्यता देने की साजिश है. कहा कि इस नीति के कारण फिर से राज्य को राजस्व की भारी क्षति होगी. इस मॉडल से चंद रसूखदार और सत्ताधारी नेताओं के करीबी व्यापारी ही लाभ उठायेंगे. बेरोजगारों, छोटे उद्यमियों और ग्रामीणों के लिए इसमें कोई जगह नहीं है.

एक व्यक्ति को एक दुकान की नीति लागू हो

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार अगर सचमुच ने रोजगार देना चाहती है, तो एक व्यक्ति को एक दुकान की नीति लागू हो. इससे शराब व्यापार में समानता और पारदर्शिता आयेगी. साथ ही जो लाइसेंस ले, उसे ही दुकान चलाने की शर्त रखी जाये, ताकि बिचौलियों और नामधारी माफिया का धंधा बंद हो. दुकान संचालन में परिवार की प्रत्यक्ष उपस्थिति भी अनिवार्य की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिसूचित क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में दुकानों को आरक्षित किया जाये, जिससे स्थानीय समुदायों को न्यायसंगत भागीदारी मिलेगी और माफियागिरी से मुक्ति भी मिलेगी. कहा कि ग्रामीण महिलाएं जो सड़क किनारे हड़िया बेचने को मजबूर हैं, उन्हें वैध तरीके से दुकानें आवंटित की जाये, ताकि राज्य की बहन बेटियां सम्मानजनक तरीके से आजीविका पा सकें. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती तो भाजपा इसका पूरे प्रदेश में प्रबल विरोध करेगी. पार्टी चुप नहीं बैठेगी. प्रखंड,जिलों तक आंदोलन करेगी. मौके पर मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह मौजूद थे.

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