प्रणव, रांची. बोकारो के तेतुलिया मौजा की 74.32 एकड़ जमीन से जुड़े मामले में नया तथ्य सामने आया है. उक्त जमीन की बिक्री 10.30 करोड़ रुपये में की गयी है. जबकि इसका सर्किल रेट 23.13 करोड़ है. वहीं जमीन विक्रेता को 10.30 करोड़ की जगह कुल एक करोड़ 78 लाख 69441 रुपये का ही भुगतान किया गया है. मामले में बोकारो सेक्टर-12 थाना क्षेत्र के उकरीद निवासी अख्तर हुसैन और इजहार हुसैन ने शैलेश कुमार सिंह व अन्य के खिलाफ बोकारो कोर्ट में सूट फाइल किया है. इसमें वादी ने कहा है कि उनकी सहमति के बिना ही 74.38 एकड़ भूमि की बिक्री की गयी है. सेल डीड में उल्लेख किया गया है कि चेक के माध्यम से 10.30 करोड़ रुपये का भुगतान विक्रेता को किया गया है. आइसीआइसीआइ बैंक के चेक संख्या 000223, 000224, 000225, 000226 (दिनांक 10.02.2021, 11.02.2021, 12.02.2021 और 15.02.2021) के माध्यम से कुल 10.30 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गयी है. हालांकि चेक में राशि का उल्लेख अलग-अलग नहीं किया गया है. यह स्वयं पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शैलेश कुमार सिंह के दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है, क्योंकि वादी के खाते में ऐसी कोई राशि हस्तांतरित नहीं की गयी थी. वास्तव में प्रतिवादी द्वारा वादी को ऐसा कोई चेक नहीं दिया गया था. अब तक प्रतिवादी ने कुल 1,78,69,441 रुपये का भुगतान किया है. शैलेश सिंह द्वारा पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग किया जा रहा था. इसलिए वादीगण ने प्रतिवादी शैलेश सिंह को 18 सितंबर 2023 को एक कानूनी नोटिस जारी करवाया. जिसमें उसे वादीगण की भूमि पर कोई कार्य नहीं करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन प्रतिवादी शैलेश सिंह ने न तो इसका उत्तर दिया और न ही वादीगण के निर्देश पर कोई ध्यान दिया. वहीं वादीगण की भूमि पर कार्य करना जारी रखा. वादी की ओर से यह भी कहा गया है कि शैलेश सिंह ने पावर ऑफ अटॉर्नी का लाभ उठाकर बिना किसी प्रतिफल के मुकदमे की जमीन उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी. जिसमें उनका बेटा निदेशकों में से एक है. यह भी कहा गया है कि सेल डीड बिक्री विलेख संख्या 719, दिनांक 10 फरवरी 2021 को वादी को कोई प्रतिफल दिये बिना निष्पादित किया गया है. इस तरह यह कानून की नजर में बिक्री नहीं है. जमीन की ऐसी बिक्री दिखावटी लेन-देन है. शैलेश सिंह को तेतुलिया माैजा के खाता संख्या 59 के प्लॉट संख्या 450 में केवल 50 एकड़ जमीन तीन पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर बेचने के लिए अधिकृत किया गया था. लेकिन उन्होंने खाता संख्या 59 के प्लॉट संख्या 450 में 67 एकड़ जमीन के विक्रय विलेख निष्पादित किये हैं. इसके अलावा उन्होंने बिक्री कर का भुगतान भी नहीं किया है. इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि शैलेश सिंह उसके पक्ष में निष्पादित मुख्तारनामा का दुरुपयोग कर रहा है. ऐसे में यदि मुख्तारनामा को लंबित छोड़ दिया जाता है, तो इससे उन्हें पैसे के मामले में गंभीर क्षति हो सकती है और इसलिए उक्त मुख्तारनामा को रद्द करने का आदेश दिया जा सकता है. इसलिए, वादी सेल डीड संख्या 719, दिनांक 10 फरवरी 2021 के साथ-साथ पंजीकृत सामान्य मुख्तारनामा संख्या 849, दिनांक 07 जून 2011, पंजीकृत सामान्य मुख्तारनामा संख्या 197, दिनांक 30 मई 2012 और पंजीकृत सामान्य मुख्तारनामा संख्या 258, दिनांक तीन जुलाई 2012 को रद्द करने के लिए मुकदमा दायर कर रहे हैं.
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