रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों ने शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए पीजी शिक्षकों, शोधार्थी व नीड बेस्ड शिक्षक से कॉलेजों में काम लेने के निर्णय का विरोध किया है. मंगलवार को डॉ अरविंद प्रसाद के नेतृत्व में अतिथि शिक्षक संघ के सभी सदस्य रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा से विरोध जताने पहुंचे.
संघ के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद ने कहा कि वार्ता के दौरान कुलपति ने अतिथि शिक्षकों से कहा कि उनलोगों से काम नहीं लेने का निर्देश राज्य सरकार का है. शिक्षकों ने जब कुलपति से कहा कि कमी दूर करने के लिए आज अखबारों में पीजी शिक्षकों से काम लेने का आपके द्वारा निर्देश देने संबंधी समाचार प्रकाशित हुआ है. इस पर कुलपति ने शिक्षकों से कहा कि उन्होंने कोई निर्देश नहीं दिया है. साथ ही कहा कि वे लोग अखबार में छपी खबरों को लेकर उनके पास नहीं आयें.124 अतिथि शिक्षकों का भविष्य खतरे में
डॉ प्रसाद ने कहा कि इसे लेकर कुलपति के साथ तू-तू मैं-मैं भी हुई. कुलपति ने सभी शिक्षकों को चैंबर से बाहर निकलने का आदेश दिया. डॉ प्रसाद ने कहा कि कुलपति ने उनलोगों पर एफआइआर करने की धमकी भी दी. कुलपति के इस व्यवहार पर संघ ने आपत्ति जतायी है. साथ ही इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहा है. शिक्षकों ने कहा कि कुलपति उनलोगों के अभिभावक हैं, लेकिन वे उनकी बात सुनने के तैयार नहीं हैं. विवि की लापरवाही से कारण ही आज 124 अतिथि शिक्षकों का भविष्य खतरे में है. संघ ने निर्णय लिया है कि बुधवार को उच्च शिक्षा प्रधान सचिव राहुल पुरवार तथा रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा का पुतला दहन किया जायेगा. बातें नहीं मानी गयी, तो वे लोग अनशन पर बैठेंगे. कुलपति से मिलनेवालों में डॉ मुमताज, राजू हजाम, मनमोहन टुडू, डॉ पूनम कुमारी, सचिन कुमार, शाहबाज आलम, डॉ सतीश तिर्की, डॉ जिज्ञासा ओझा, डॉ आलिया परवीन आदि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है