25.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Pahalgam Attack: पति मनीष की हत्या के बाद पत्नी ने मांगा स्थानीय महिला से बुर्का, हाथों में बंधे रक्षा सूत्र को काटा

Pahalgam Attack: पति मनीष रंजन की हत्या के बाद जया ने उस खौफनाक मंजर को याद कर बताया कि कैसे वह और उसके बच्चे भाग निकले. उन्होंने बताया कि आतंकियों ने नाम और धर्म पूछकर उनके पति को मार डाला.

रांची, आनंद मोहन : पहलगाम की आतंकी घटना के बाद देश के लोग बेहद आक्रोशित हैं. देश के जिन 26 लोगों की हत्या हुई, उनके परिजन उस दिन के खौफनाक मंजर को लगातार मीडिया के सामने बयां कर रहे हैं. आतंकी हमले में आइबी अफसर मनीष रंजन भी शहीद हो गये. मनीष पश्चिम बंगाल के झालदा के रहने वाले थे. वे पत्नी जया मिश्रा और दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गये थे. दोनों बच्चे और पत्नी झालदा लौट गयीं हैं. पत्नी जया बदहवास हैं. वह उस काले दिन को याद कर अपना सुध-बुध खो देती हैं. उन्होंने बताया कि आतंकियों ने नाम और धर्म पूछ कर मनीष पर 10-12 गोलियां उतार दीं. इसके बाद उन्होंने अपने और बच्चों के खातिर भागना ही मुनासिब समझा. जया को भागने के क्रम में एक स्थानीय महिला मिली, तो उससे पहने के लिए बुर्का मांगा.

कश्मीर नासूर की तरह लग रहा था

जया ने बताया कि 10 से 12 किमी तक तो जैसे जिंदगी एक परीक्षा ले रही थी. पहाड़ी और पत्थरीली सड़क. जिन हसीन वादियों में परिवार खुशियां ढ़ूंढ़ने -मनाने आया था, वहीं कश्मीर नासूर की तरह लग रहा था. जया को पता नहीं था कि जाना कहां है, लेकिन पहलगाम से भागने की जरूर ठान ली. पहाड़ी के बीच एक नदी मिली. बेटी को गोदी में उठाकर किसी तरह नदी पार की.

Also Read: Pahalgam Attack: IB अफसर मनीष रंजन के अंतिम संस्कार में लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, पार्थिव शरीर के साथ 15 किमी साथ चले लोग

कश्मीर की पहाड़ियों में गूंज रही थी गोलियों की आवाज

जया के लिए अपने बच्चों के साथ अपनी पति मनीष के साथ गोलियों से छलनी होता देखना भयानक मंजर. वह असहाय और बेबस थे. खून से लथपथ मनीष जमीन पर लेटे थे. कश्मीर की पहाड़ियों में गोलियों की और लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज ही गूंज रही थी.

जया के लिए पति को छोड़कर भागने के अलावा कुछ नहीं बचा था

स्थिति इतनी भयावह थी कि जया को दिल के टुकड़े, प्यारे पति को छोड़ कर भागने के अलावा कुछ बचा नहीं था. दो मासूमों की जिंदगी का सवाल था. जया ने बच्चों को लेकर उन पहाड़ियों से उतरना ही मुनासिब समझा. उस दिन दोपहर में जया ने अपने बच्चों के साथ पहाड़ी से उतरना शुरू कर दिया. बच्चों और अपने हाथ में बांधे रक्षा सूत्र को सबसे पहले काटा. वो रक्षा सूत्र, जो मुश्किलों से बचाने के लिए थे, काल बन गये थे. आतंकी पहचान न कर लें, इसलिए उसे हटाना ही महफूज लगा.

भागने के दौरान मिले सेना के जवान

मनीष की पत्नी जया ने अपने बच्चों को बताया कि कोई अनजान मिले, तो क्या कहना है. काफी दूर भागने के बाद उन्हें सेना के जवान मिले, लेकिन पहलगाम में भी आतंकी सेना की वर्दी जैसी पोशाक पहन कर आये थे. सेना के जवानों ने भरोसा दिलाया, फिर साथ लेकर गये.

पूरा परिवार जाने वाला था वैष्णो देवी, होती मुलाकात

जया के पिता इलाहाबाद के रहने वाले हैं. झालदा में ससुराल है. मनीष बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन पूरा परिवार वर्षों से झालदा में रहता है. आइबी ऑफिसर मनीष रंजन की पोस्टिंग रांची में रही थी. वह करीब छह साल तक रांची में रहे. वह विभाग के होनहार ऑफिसर थे. मनीष के परिवार और सुसरालवाले अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के बाद वैष्णो देवी जाने वाले थे. मनीष अपनी पत्नी जया और बच्चों के साथ फ्लाइट से पहले ही कश्मीर पहुंच गये थे. परिवार के साथ वैष्णो देवी में मिलने की बात थी, लेकिन उससे पहले ही परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पडा.

Also Read: Ranchi News: रिम्स के डॉक्टरों के लिए खुशखबरी, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मंगाई प्रमोशन की फाइल

Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel