रांची, सुनील चौधरी: झारखंड के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू से इस्तीफे की मांग वाले अपने बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ये साफ कर दिया है कि ये उनका बयान व्यंग्य के तौर पर था. मंत्री ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जब किसी की जिम्मेदारी तय नहीं हो रही है तो किसी न किसी को तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी न. इसलिए मैंने हिमाचल प्रदेश के सीएम से इस्तीफा मांगा.
सुदिव्य सोनू बोले- राजनीति में तीन तरह के जमात
सुदिव्य सोनू ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि राजनीतिक में आज तीन तरह के जमात हैं. एक अनपढ़, दूसरा पढ़े लिखे और तीसरा कूफड़ों की जमात होती है. उन्होंने आगे कहा कि साल 1956 में जब रेल दुर्घटना हुई थी तो उस वक्त के तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इस्तीफा दे दिया था. उसी तरह 1999 के रेल हादसे में उस वक्त के रेल मंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था. मुंबई हमले में भी उस वक्त के तत्कालीन गृह मंत्री ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था.
मंत्री सुदिव्य सोनू ने बाबूलाल के बयान को बताया फूहड़
सुदिव्य सोनू ने बाबूलाल मरांडी के बयान को फूहड़ बताते हुए उन्हें बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष के बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उन्हें रवींद्र राय के बयान को भी देख लेना चाहिए. उन्हें झारखंड की भगौलिक स्थिति की जानकारी नहीं है. राज्य की कोई भी सीमा किसी दूसरे देश से नहीं लगती. मंत्री ने अपने बयान में पत्रकारों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ जो इस घटना के जिम्मेदार लोगों से सवाल नहीं करता है तो नेताओं को पत्रकार की भूमिका निभाना पड़ता है.
जम्म कश्मीर केंद्र के अधीन : मंत्री सुदिव्य सोनू
मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि जम्म कश्मीर केंद्र के अधीन आता है. जब केंद्र इस बात का जवाब नहीं दे पा रहा है कि आंतकवादी कैसे 300 किमी की यात्रा करके घटना को अंजाम दिया और फिर चला गया. इसके बावजूद न रक्षा मंत्री इसकी जिम्मेदारी ले रहे हैं न ही गृह मंत्री. कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ साथ हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू से इस्तीफा देना चाहिए.