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खरीदकर पानी पीने को विवश हैं लोग

खलारी फिल्टर प्लांट से विगत एक महीने से पांच पंचायतों को नहीं मिल रहा पानी

प्रतिनिधि, खलारी

खलारी प्रखंड के पांच पंचायतों में पिछले करीब एक महीने से जलापूर्ति बंद है. प्रखंड के बुकबुका महावीरनगर में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा स्थापित 55 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले फिल्टर प्लांट से बुकबुका, चूरी दक्षिणी, हुटाप, खलारी व चूरी मध्य पंचायत के करीब चार हजार उपभोक्ताओं को पानी सप्लाई की जाती है. इन पांच पंचायतों में 30 हजार से अधिक आबादी है. पेयजलापूर्ति नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. लोग खरीदकर पानी पीने को विवश हैं. बहुग्रामीण जलापूर्ति संचालन समिति पूरे प्रोजेक्ट का संचालन करती है. पानी सप्लाई वाले सभी पांच पंचायतों के मुखिया उक्त समिति में शामिल हैं. चूरी दक्षिणी पंचायत के करंजतोर्रा स्थित सपही नदी में बने इंटकवेल से फिल्टर प्लांट में पानी लाया जाता है. इंटकवेल के पंप में खराबी आ गयी है. बताया गया है कि पंप को मरम्मत के लिए विभाग द्वारा रांची ले जाया गया है. कुछ पार्टस को मरम्मत के लिए कोलकाता भेजा गया है. ईद, सरहुल, रामनवमी जैसे पर्व में भी पानी नहीं मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हैं.

अतिरिक्त पंप को दुरुस्त नहीं करने से परेशानी :

परियोजना में जितने भी मोटर या पंप लगे हैं, उन सभी में एक एक अतिरिक्त मोटर व पंप दिये गये हैं. प्रबंधन सही से कार्य करे तो परियोजना ठप होने की स्थिति कभी नहीं होगी. इससे पहले भी अगस्त 2024 में करंजतोरा में पंप में खराबी आयी थी. उस समय भी दोनों मशीन के खराब हो जाने से जलापूर्ति ठप हो गयी थी. तब एक मशीन को मरम्मत कर प्रोजेक्ट चालू कर दिया गया था. परंतु प्रोजेक्ट चालू होते ही लापरवाही बरती गयी और अतिरिक्त पंप को ठीक नहीं कराया गया. नतीजा हुआ कि पूरा प्लांट एकबार फिर से ठप हो गया.

जल शुल्क वसूली के नियम में उलझा प्रोजेक्ट :

बुकबुका के बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना का संचालन समिति (संबंधित मुखिया) व संबंधित जल सहिया में तालमेल का अभाव पूरे प्रोजेक्ट के लिए बाधक बना हुआ है. प्रोजेक्ट संचालन की जिम्मेवारी समिति की है. परंतु जल शुल्क वसूली का अधिकार जल सहिया को है. संचालन समिति हमेशा पैसे का अभाव बताती है. प्रति उपभोक्ता प्रति माह 100 रुपये जल शुल्क तय है. योजना का लाभ लेने के लिए 4000 उपभोक्ता हैं. आधे उपभोक्ता भी जल शुल्क देंगे तो पैसे का अभाव नहीं होगा. प्लांट चलाने में मरम्मत को छोड़ प्रति माह करीब 80 हजार रुपये का खर्च है.

दो दिनों में शुरू हो जायेगी जलापूर्ति :

विभाग के कनीय अभियंता दीपांकर ने बताया कि मशीन की मरम्मत लगभग पूरा कर लिया गया है. इस सप्ताह में जलापूर्ति बहाल कर दी जायेगी.

निजी या एजेंसी को जलापूर्ति सौंपने की मांग :

बुकबुका के बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना का संचालन पंचायती व्यवस्था से हटाकर टेंडर के माध्यम से चलाने का मांग बीडीओ से ग्रामीणों ने की है. इन पांचों पंचायतों के ग्रामीणों का कहना है कि हर महीना जल शुल्क जमा लिया जाता है, बावजूद किसी तरह की खराबी होने पर मरम्मत के लिए संचालन समिति के पास पैसा नहीं रहता है. कहा कि यह समस्या आये दिन रहती है. समिति को योजना के सौंपने से पहले ठेकेदार द्वारा तीन साल बिना परेशानी के लोगों को पानी मिलता रहा. परंतु जब से समिति को संचालन सौंपा गया है, लोगों को पानी नही मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने फिर से बीडीओ से मांग जलापूर्ति कार्य को टेंडर के माध्यम से ठेके पर देकर निर्बाध आपूर्ति की मांग की है.

खलारी फिल्टर प्लांट से विगत एक महीने से पांच पंचायतों को नहीं मिल रहा पानी

ग्रामीणाें ने प्लांट का संचालन निजी कंपनी या एजेंसी को देने की मांग की

11 खलारी 01:- ठप पड़ा बुकबुका स्थित फिल्टर प्लांट.

11 खलारी 02:- करंजतोरा स्थित इंटकवेल जहां खराब है पंप.B

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