रांची. राजधानी के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में मांसाहारी जानवर शीशे के पिंजरों में नजर आयेंगे. उद्यान में ग्लास ब्रिज भी बनाया जायेगा, जिससे जंगल के ऊपर लोग स्काईवॉक कर सकेंगे. वन विभाग ने मांसाहारी जानवरों के लिए शीशे के पिंजरे और स्काईवॉक लगाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस राशि से जैविक उद्यान के समुचित विकास के साथ विभाग द्वारा झारखंड चिड़ियाघर प्राधिकरण का सुदृढ़ीकरण भी किया जायेगा. भगवान बिरसा जैविक उद्यान में शैक्षणिक पर्यटन भी आरंभ किया जायेगा. इसके लिए नेचुरलिस्ट का सहयोग भी लिया जायेगा.
उद्योग में 1575 वन्य प्राणी हैं मौजूद
भगवान बिरसा जैविक उद्यान में 86 प्रजातियों के 1575 वन्य प्राणी मौजूद हैं. शेर, बाघ, मोर, मगरमच्छ, हिरण और भालू समेत अन्य प्राणियों को उद्यान में रखा गया है. इसके अलावा स्तनधारी, सरीसृप और पक्षी भी शामिल हैं. उद्यान में सरीसृप की संख्या 123 है. वहीं, उद्यान 746 पक्षियों और 657 स्तनधारियों का शरण स्थल भी है.
देश का सबसे बड़ा बटरफ्लाई पार्क
बिरसा जैविक उद्यान के मुख्य आकर्षण में सफेद बाघ, हाथी, काला तेंदुआ व हिमालयन भालू हैं. इसके अलावा वहां सांप घर भी है. जिसमें विषहीन और विषधर सांपों की 16 प्रजातियां हैं. इनमें रसेल वाइपर, बैंडेड करैत व कोबरा आदि मुख्य हैं. भगवान बिरसा जैविक उद्यान में देश का सबसे बड़ा बटरफ्लाई पार्क व कंजरवेंटरी भी है. 20 एकड़ में फैले पार्क में 88 प्रजातियों की तितलियां हैं. वहीं, यहां फ्रेश वाटर का मछली घर भी है. उद्यान के कुल 58 टैंक में 120 प्रजातियों की 1600 से अधिक मछलियां रखी गयी हैं. यह देश का पहला चिड़ियाघर है, जहां शुतुरमुर्ग का प्रजनन होता है.
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