रांची. झारखंड राज्य आवास बोर्ड की संपत्तियों की लॉटरी और इ-ऑक्शन में लोगों की रुचि नहीं है. जितने आवास के लिए लॉटरी करने हेतु आवेदन मंगाये जाते हैं, उसका आधा आवेदन भी नहीं आ पाता. यहां तक कि दुकानों की नीलामी में भाग लेने के लिए भी आवेदक नहीं आते. अब आवास बोर्ड कारणों को चिह्नित कर रहा है. कहा जा रहा है कि आवास बोर्ड सरकार की है. इसकी संपत्तियों की दर बाजार दर से अधिक होती हैं. पुराने बने मकान की दर लोग देने के लिए तैयार नहीं हैं.
रांची में 181 फ्लैट के लिए आये केवल 101
आवेदन झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने रांची के हरमू और अरगोड़ा हाउसिंग कॉलोनी में 181 फ्लैट का आवंटन इ-लॉटरी के माध्यम से नौ अप्रैल को किया था. इसके लिए 181 में से केवल 101 लोगों ने आवेदन किया. उसमें भी केवल 57 लोगों के ही दस्तावेज सही थे, जिससे लॉटरी में उन्हें आवास मिला. आवास बोर्ड द्वारा 15 लाख रुपये से लेकर 72 लाख रुपये तक के फ्लैट के लिए आवेदन मंगाया गया था. आवास ”एज इज व्हेयर इज” के रूप में 90 वर्षों की लीज पर देने की शर्त रखी गयी थी. इसमें यह भी शर्त थी कि पिछले पांच वर्षों से झारखंड में रहने वाले ही आवेदन कर सकते हैं तथा आवेदक के स्वयं, पत्नी या आश्रित के नाम पर किसी प्रकार की भू-संपत्ति नहीं होने की शर्त भी रखी गयी थी, यदि संपत्ति आवास बोर्ड से आठ किमी के दायरे में हो.
51 दुकानों की नीलामी में केवल छह आवेदन आये, रद्द की गयी
आवास बोर्ड द्वारा रांची प्रमंडल के विभिन्न कॉलोनियों में बनी 51 दुकानों की नीलामी के लिए 12.12.24 को करायी गयी थी. पर केवल छह लोग ही निविदा में शामिल हुए. कम आवेदनों की वजह से आवास बोर्ड ने नीलामी रद्द कर दी. आवेदकों से लिये गये एडवांस की रकम को वापस किया जा रहा है.
हजारीबाग और डालटेनगंज में 490 में केवल 198 आवेदन ही आये
आवास बोर्ड द्वारा हजारीबाग और डालटेनगंज स्थित 490 मकान, फ्लैट, भूखंड के आवंटन के लिए आवेदन मंगाया गया. 16 जून 2025 तक ही आवेदन देने की अंतिम तिथि थी. इस दौरान केवल 198 आवेदन ही आये. इसकी स्क्रूटनी चल रही है.
बोर्ड की बैठक में जतायी गयी चिंता
आवास बोर्ड की बैठक में कम आवेदनों पर चिंता भी जतायी गयी. इसके कारणों की खोज करने की बात कही गयी.
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