22.3 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

PM Modi in Jharkhand : जानें क्या है सिकल सेल अभियान, झारखंड के लिए क्यों है खास

प्रधानमंत्री मोदी झारखंड दौरे पर है. ऐसे में झारखंड वासियों के लिए बहुत सारे योजनाओं को लॉन्च किया जा रहा हैं. इन्ही योजनाओं में से एक सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन भी है. आइये बताते है यह योजना झारखंड वासियों के लिए क्यों है खास...

सिकल सेल एनीमिया बीमारी पूरे देश, विशेषकर आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सात करोड़ से अधिक आदिवासी लोग इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे है. इसी को ध्यान में रखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 भाषण के दौरान साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन यानी ( सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन ) की शुरुआत की है. सिकल सेल एनीमिया रक्त से संबंधित विमारी है. यह वंशानुगत टिसुज ( यानी माता-पिता से बच्चों में फैलने वाली रोग ) के समूह में से एक है, जिसे सिकल सेल रोग के रूप में जाना जाता है. सिकल सेल रोग, डिफेक्टीव हीमोग्लोबिन से संबंधित मानी जाती है, जिसमें टिसुज ( tissues ) तक ऑक्सीजन रिच ब्लड का फ्लो रूक जाता है, जो कई गंभीर बिमारियों का कारण भी बन सकता है.

एनीमिया, पीलिया, स्ट्रोक जैसी बीमारियों को बढ़ाती है सिकल सेल एनीमिया

सामान्यतौर पर स्वस्थ हीमोग्लोबिन वाली रेड बल्ड सेलस् (RBCs) चिकनी और लचीली होती हैं. जबकि सिकल सेल हीमोग्लोबिन वाली कोशिकाएं कड़ी और चिपचिपी हो जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन का फलो ब्लॉक हो सकता है. ये सेलस् आपस में चिपक जाते हैं और ऑक्सीजन ले जाने वाले ब्लड की गति को ब्लॉक कर सकते हैं. यह बीमारी ब्लड वेसल्स में समस्या के साथ एनीमिया, पीलिया, स्ट्रोक जैसी बीमारियों को भी बढ़ा सकती हैं.

2047 तक इस बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य

इस गंभिर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन चलाया है. यह मिशन उन सभी आदिवासियों के लिए है, जो सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित है. ऐसे में सरकार इन सारे लोगों के बीच जागरूकता फोलाने का काम कर रही है. झारखंड में लगभग 8 % आदिवासी इस बिमारी से जूझ रहे हैं, जो जीसरे राज्यों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं. सरकार का लक्ष्य है कि इस बिमारी को 2047 ( यानी जब भारत अजादी की 100 साल मना रहा होगा ) तक जड़ से खत्म करना है.

क्या हैं इसके लक्षण?

सिकल सेल एनीमिया के लक्षण आमतौर पर कम उम्र में ही दिखाई देने लगते हैं. 4 महीने के बच्चों में भी यह समस्या देखी जा सकती है. सामान्य रेड वल्ड सेलस् 120 दिनों तक जीवित रहती हैं. लेकिन, सिकल सेल केवल 10 से 20 दिनों तक ही जीवित रहती हैं. इसके कारण एनीमिया का खतरा काफी अधिक हो सकता है.

जिन लोगों में यह बीमारी होती है उन्हें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं.

  1. अत्यधिक थकान या कमजोरी बने रहना.

  2. किडनी से संबंधित समस्याएं, अधिक बार बिस्तर गीला करना.

  3. बार-बार जौंडिस होना.

  4. हाथों और पैरों में सूजन और दर्द होना.

  5. बार-बार संक्रमण होना.

  6. सिकल सेल एनीमिया वालों में स्ट्रोक का खतरा भी अधिक होता है.

Also Read: PM Modi in Jharkhand : पीएम मोदी आज देंगें झारखंड को करोड़ों की सौगात

Vikash Kumar Upadhyay
Vikash Kumar Upadhyay
Journalist at Prabhat Khabar Digital, Gold Medalist alumnus MGCU, Former intern Tak App, Biz Tak and DB Digital. Ex reporter INS24 News. Former media personnel District Information and Public Relation Department, Motihari. Former project partner and planner Guardians of Champaran. Very keen to work with the best faculties and in challenging circumstances. I have really a big dream to achieve and eager to learn something new & creative. More than 3 years of experience in Desk and Reporting.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel