रांची. श्रम कानून में संशोधन और अन्य 17 सूत्री मांगों को लेकर मजदूर संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल बुधवार को है. इसे सफल बनाने की तैयारी झारखंड में भी हो रही है. भारतीय मजदूर संघ से जुड़े संगठनों को छोड़ शेष लेबर यूनियन आंदोलन को सफल बनाने में लगे हैं. कार्यालयों में जाकर कर्मियों को आंदोलन को समर्थन करने को कह रहे हैं. कोयला के साथ-साथ स्टील, बॉक्साइट, आयरन ओर, निर्माण, बीड़ी और परिवहन उद्योग से जुड़े कर्मियों से भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की जा रही है. इसको लेकर संयुक्त मोर्चा बनाया गया है. इसमें इंटक, एटक, सीटू, एक्टू, एचएमएस सहित कई श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं. कई राजनीतिक दलों ने भी आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया है. वामदलों ने अपने कार्यकर्ताओं को आंदोलन को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरने की अपील की है.
राजनीतिक दलों से समर्थन का आग्रह
श्रमिक वर्ग की इस देशव्यापी अंदोलन को झारखंड में सफल बनाने के लिए वामदलों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रधान महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव से मुलाकात कर हड़ताल को समर्थन देने की अपील की है.डकरा में कोयला मजदूरों का कन्वेंशन
नौ जुलाई की हड़ताल को सफल बनाने के लिए संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सोमवार को डकरा क्षेत्र में कन्वेंशन हुआ. मौके पर रमेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ना ही श्रमिकों और यूनियन के समक्ष एक मात्र रास्ता बचा है. आनेवाले समय में वेज बोर्ड 12 होगा या नहीं इस पर संशय है. कन्वेंशन को आरपी सिंह, कमलेश सिंह, राघवन रघुनंदन आदि मौजूद थे.भामस नहीं रहेगा हड़ताल पर
भारतीय मजदूर संघ हड़ताल पर नहीं रहेगा. संघ के झारखंड महामंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दे पर हड़ताल किया जा रहा है. सभी राजनीतिक मुद्दे हैं. इसमें मजदूरों के हितों की बात नहीं है. इस कारण संघ ने हड़ताल को समर्थन नहीं करने का निर्णय लिया है. भारतीय मजदूर संघ से जुड़े सभी कर्मी काम पर रहेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है