रांची. एसीबी ने हजारीबाग में गैर-मजरुआ जमीन घोटाले में हजारीबाग के तत्कालीन डीसी विनय चौबे सहित अन्य के खिलाफ जांच पूरी कर ली है. इसके आधार पर मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के माध्यम से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें विनय चौबे सहित अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी गयी है.
एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, जिस जमीन का घोटाला सामने आया है, वह डीम्ड वन श्रेणी के अंतर्गत आता है और संरक्षित वन क्षेत्र के अधीन है, लेकिन इस जमीन की विनय सिंह और उनकी पत्नी के नाम पर अवैध रूप से जमाबंदी की गयी है.जमीन को डीम्ड वन की श्रेणी में रखा गया था
एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, यह जमीन सदर अंचल स्थित खाता नंबर 95 से जुड़ी है. इस जमीन को लेकर पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी, जिसके बाद जमीन को डीम्ड वन की श्रेणी में रखा गया था. एसीबी को जांच में पता चला कि वर्ष 2010 में उक्त जमीन की विनय सिंह और उनकी पत्नी के नाम पर जमाबंदी कर दी गयी है. एसीबी ने जांच में पाया है कि इस घोटाला को अंजाम देने में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार, अंचल निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह और तत्कालीन सीओ अलका कुमारी सहित अन्य शामिल थे. ज्ञात हो कि हजारीबाग में जमीन घोटाला का विनय चौबे के डीसी रहते हुए यह दूसरा मामला है. इससे पूर्व अन्य जमीन घोटाला के मामले में एसीबी विनय चौबे सहित अन्य पर केस दर्ज करने की अनुमति सरकार से मांग चुकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है