उषा मार्टिन फाउंडेशन और शालिनी अस्पताल की साझेदारी से स्वास्थ्य सेवाएं घर-घर पहुंचीं
रांची. उद्योग और सामाजिक दायित्व का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए उषा मार्टिन फाउंडेशन ने टाटीसिलवे स्थित अपने औद्योगिक इकाई के आसपास के 18 गांवों में स्वस्थ ग्रामीण, स्वस्थ गांव’ अभियान चलाया. इस अभियान के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में 11 हजार से अधिक ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की गयी, जिनमें से 10 हजार से अधिक लाभुक आदिवासी समुदाय से थे. फाउंडेशन के प्रमुख डॉ मयंक मुरारी ने जानकारी दी कि शालिनी अस्पताल के सहयोग से चलंत मेडिकल यूनिट (मोबाइल हेल्थ वैन) के माध्यम से गांव-गांव जाकर लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की गयी. इससे उन ग्रामीणों को भी स्वास्थ्य लाभ मिला, जो सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं. गांवों में आंखों की जांच के लिए विशेष शिविर लगाये गये. चयनित 400 ग्रामीणों का नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन कराया गया और उन्हें चश्मे भी प्रदान किये गये. मासू और महिलोंग गांवों में किशोर-किशोरियों के बीच एनीमिया के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले. उषा मार्टिन कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी के तहत इस वर्ष 150 से अधिक कुपोषित बच्चों के बीच पोषण किट का वितरण किया गया. पिछले वर्ष 85 जरूरतमंद मरीजों को भी इसी प्रकार की सहायता दी गयी थी. गांवों में 31 चापाकलों और 10 जलमीनारों की मरम्मत कर उन्हें सौर ऊर्जा से संचालित किया गया. इस पहल से करीब 500 परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा मिल रही है. उलातू गांव में स्नानघर का भी निर्माण कराया गया.स्वस्थ जीवन के लिए योग का अभियान : राणा विकास
शालिनी अस्पताल के प्रबंधक राणा विकास ने बताया कि गांवों में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा शिविर आयोजित किये गये. 11 योग सत्रों में 900 ग्रामीणों को योग और प्राणायाम का प्रशिक्षण दिया गया. नौ आयुर्वेदिक सत्रों के माध्यम से 450 से अधिक ग्रामीणों को परंपरागत चिकित्सा पद्धति से जोड़ा गया. ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेद और योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है. लोग अब इन पद्धतियों को अपनाने लगे हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं.बड़कुंभा में एकल विद्यालय प्रारंभ : फाउंडेशन के सहयोग से बड़कुंभा गांव में एकल विद्यालय की शुरुआत की गयी. लाइवलीहुड कोऑर्डिनेटर संगीता कुमारी के अनुसार, यह विद्यालय गांव के पुस्तकालय परिसर में संचालित हो रहा है, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, संस्कृति और नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी दी जा रही है.
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