प्रतिनिधि, पिपरवार.
झारखंड सरकार के प्रधान वन संरक्षक शशिकर सामंता ने गुरुवार को वन अधिकारियों के साथ पिपरवार का दौरा किया. उन्होंने अशोक परियोजना खदान विस्तारीकरण (अशोक वेस्ट परियोजना) के लिए 928.03 हेक्टयर भूमि के अपयोजन को लेकर स्थल का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र ठेठांगी, सरैया, लुकइया, झोलनडिहा, तोरहद, हेंजदा, कोयलरा, चिरलौंगा, बाली, डेम्बुआ, कुटकी व सिदालु गांवों के जंगलों का निरीक्षण किया. पिपरवार जीएम संजीव कुमार ने जंगल में भौतिक मानचित्र को दिखा कर सीसीएल की भावी योजनाओं से प्रधान मुख्य वन संरक्षक को अवगत कराया. बताया गया कि खदान विस्तारीकरण के बाद अशोक परियोजना की क्षमता प्रतिवर्ष 20 मिलियन टन हो जायेगी. इन क्षेत्रों से सीसीएल 20 वर्ष तक कोयले का उत्पादन करेगा. जानकारी के अनुसार अशोक वेस्ट परियोजना प्रारंभ करने को लेकर सीसीएल को पर्यावरण स्वीकृति के साथ वन भूमि की आवश्यकता है. प्रधान मुख्य वन संरक्षण के स्थल निरीक्षण के बाद परियोजना के जल्द खुलने की संभावना बढ़ गयी है. मौके पर क्षेत्रीय वन्य संरक्षक मुकेश कुमार, डीएफओ चतरा दक्षिणी प्रमंडल, अशोक पीओ जितेंद्र कुमार सिंह, एसओ पीएंडपी डीके शर्मा, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी व लैंड एंड रेवेन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है