रांची. आरटीइ के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत ऐसे बच्चों का नामांकन करना है, जो आर्थिक रूप से कमजारे हों. इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है. लेकिन इन स्कूलों में पिछड़े हुए बच्चों का कम से कम नामांकन हों, इसके लिए जिले के 74 स्कूलों ने झूठा आंकड़ा दिया है. स्कूलों के इस झूठे आंकड़े का खुलासा तब हुआ. जब जिला प्रशासन ने यू-डायस प्लस पर बच्चों के आंकड़ों को देखा. इसमें पाया गया कि जिन स्कूलों द्वारा नर्सरी में मात्र 20 सीट दिखायी गयी है, उनमें क्लास वन में 400 बच्चे पढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए डीसी मंजूनाथ भजंत्री के आदेश पर ऐसे सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है.
क्या है नोटिस में
नोटिस में कहा गया है कि आपके द्वारा जिला प्रशासन को गलत जानकारी दी गयी है. ऐसे में आप यूडायस प्लस पर दर्ज छात्रों की संख्या के आधार पर सही-सही जानकारी दो दिनों में दें. ताकि गरीब बच्चों का नामांकन भी आपके स्कूल में करवाया जा सके.
क्या है यू डायस प्लस
केंद्र ने सभी स्कूलों के लिए एक पोर्टल यू डायस प्लस का निर्माण किया गया है. इसमें सभी बच्चों की सूची अपलोड करना स्कूलों के लिए अनिवार्य है. जिससे शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की जानकारी एकत्रित रहे. इसी साइट से जिला प्रशासन ने स्कूलों के इस फर्जीवाड़े को पकड़ा, इसमें पाया गया कि जिला प्रशासन को जितनी सीटों की जानकारी स्कूल प्रबंधन द्वारा दी जा रही है, यू डायस प्लस में इसकी वास्तविक संख्या कहीं पर पांच गुना तो कहीं पर 10 गुना तक बढ़ गयी है.
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