डकरा. सीसीएल के अंतर्गत भाड़े पर चलनेवाले निजी वाहन चालकों के आंदोलन के कारण गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी निजी वाहन नहीं चले. इसके कारण अधिकारियों को कार्यस्थल पर पहुंचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यह आंदोलन जनता मजदूर संघ असंगठित के जोनल सचिव प्रताप यादव के नेतृत्व में शुरू हुआ था, लेकिन आज का आंदोलन चालकों के आक्रोश के कारण हुआ, जिसमें यूनियन नेताओं की कोई भूमिका नहीं थी. समय रहते प्रबंधन और यूनियन मिलकर इस समस्या के समाधान का रास्ता नहीं निकाला, तो यह उग्र रूप भी ले सकता है, क्योंकि वाहन मालिक द्वारा कुछ चालकों को निकाल दिये जाने से आंदोलन नेतृत्व विहीन हो गया है. बुधवार को भी अचानक सभी वाहन बंद कर दिये गये थे, लेकिन आंदोलन संतुलित था और वार्ता के बाद प्रबंधन को 48 घंटे का समय दिया गया था. जिस वाहन से चालक हटाये गये थे, उसी वाहन पर दूसरे चालक को देख कर चालकों का एक वर्ग भड़क गया. नये चालकों के साथ मारपीट जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. महाप्रबंधक कार्यालय में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. पुराने चालकों का कहना है कि इस तरह तो मालिक अधिकारियों के साथ मिलकर सभी आंदोलन करने वालों को बदल देंगे. अचानक उत्पन्न हुए इस स्थिति से निपटने के लिए मालिकों का एक प्रतिनिधिमंडल महाप्रबंधक से मिला और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया. महाप्रबंधक ने जनता मजदूर संघ नेता प्रताप यादव से मिलकर समस्या समाधान करने का सुझाव दिया. प्रताप यादव से किसी कारण वार्ता नहीं हो सकी और पूरे दिन सभी वाहन बंद रहे. चालकों ने सभी वाहन को आज मालिक को सौंप दिया. इसके बाद कुछ अधिकारी स्वयं वाहन चलाकर ड्यूटी पर पहुंचे.
चालकों की हाजिरी तक नहीं बनती
एनके एरिया में लगभग 130 निजी वाहन चल रहे हैं. कुछ को छोड़ कर सभी वाहन 24 घंटे चलने के लिए रखे गये हैं. इस हिसाब से दो चालक भी रखना अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश वाहन एक ही चालक द्वारा चलाया जाता है और किसी की हाजिरी तक नहीं बनती है. कुछ वाहन के चालक तो नाबालिग हैं. किसी को वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर से सर्टिफिकेट तक नहीं दिया जाता है. ऐसे में कभी कोई चालक दुर्घटना का शिकार हुआ तो उसे जैसे-तैसे मैनेज कर दिया जाता है. बगैर हाजिरी लगाये ड्यूटी कराने के मामले में अधिकारी भी मिले हुए हैं.सबसे ज्यादा शोषण अधिकारी कर रहे हैं
चालकों का सबसे ज्यादा शोषण सीसीएल के अधिकारी करते हैं. ड्यूटी पहुंचाने और लाने से लेकर अधिकारियों द्वारा घरेलू काम भी चालकों से कराया जाता है. वाहनों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भी किया जाता है. इस मामले में वाहन मालिक भी अधिकारी से परेशान रहते हैं.
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