रांची. वासंतिक नवरात्र 30 मार्च रविवार से शुरू हो रहा है. इस दिवस दिन के 2.14 बजे तक प्रतिपदा है. इस दिन इस वक्त तक कलश स्थापना की जा सकेगी. इसी दिन से हिंदी नववर्ष आरंभ हो जायेगा. एक अप्रैल से चार दिवसीय चैती छठ महापर्व शुरू हो जायेगा. इस दिन नहाय खाय है. व्रती प्रात: स्नान-ध्यान कर भगवान सूर्य को अर्घ देकर उनसे शक्ति की कामना करेंगी. इसके बाद कद्दु, दाल, चावल आदि तैयार कर इसे भगवान को अर्पित करेंगी और फिर स्वयं इसे ग्रहण करेंगी. उसके बाद प्रसाद स्वरूप इसका वितरण किया जायेगा.
तीन अप्रैल को होगा चैती छठ
दो अप्रैल को खरना है. इस दिन दिनभर उपवास रखने के बाद शाम में भगवान की पूजा-अर्चना कर खीर रोटी सहित अन्य कुछ नैवेद्य स्वरूप व्रती अर्पित करेंगी. इसके बाद स्वयं इसे ग्रहण कर प्रसाद स्वरूप इसका वितरण करेंगी. इसी दिन से व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा. तीन अप्रैल को चैती छठ है. इस दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. अर्घ देने के लिए व्रती विभिन्न छठ घाटों पर जायेंगी. वहीं चार अप्रैल को उदयाचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. इस दिन प्रात: काल छठ घाट जाकर उगते हुए भगवान को व्रती अप्रैल देंगी. इसके बाद हवन आदि कर प्रसाद का वितरण किया जायेगा. वहीं विभिन्न मंदिरों व घरों में पूजा अर्चना कर स्वयं प्रसाद ग्रहण कर पारणा करेंगी . इसी के साथ चैती छठ महापर्व संपन्न हो जायेगा.
छह को रामनवमी मनायी जायेगी
छह अप्रैल रविवार को रामनवमी है. इस दिन रात 11.13 बजे तक नवमी रहेगी, उसके बाद से दशमी लग जायेगी. मध्याह्म काल में नवमी मिलने के कारण इसी दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जायेगा.
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