प्रतिनिधि, पिपरवार.
सीसीएल का पुनर्वास केंद्र चिरैयाटांड़ स्थित राजकीय मध्य विद्यालय भगवानटोला में प्रबंधन की उपेक्षा के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. बारिश का पानी स्कूल में घुस जाने से बच्चे को पढ़ाई छोड़ कर कक्षाओं की सफाई करनी पड़ रही है. जानकारी के अनुसार पिपरवार-टंडवा सड़क का निर्माण तो हुआ, लेकिन संवेदक ने नाली का निर्माण अधूरा छोड़ दिया. वहीं, स्कूल वाली गली में नाली जाम रखने से बारिश का पानी सड़क से होते हुए गलियों में आता है और सीधे स्कूल में प्रवेश कर जाता है. बारिश के इस मौसम में स्थिति यह है कि स्कूल परिसर में बारिश के पानी से दलदल हो गया है. उनमें घास उग गये हैं. बच्चों को गेट से कक्षा तक पहुंचने में भी परेशानी होती है. जरा सी चूक हुई नहीं कि पैर फिसल जाता है. रोज ही बच्चों के यूनिफार्म खराब हो जाते हैं. इस संबंध में प्रधानाध्यापिका विक्टोरिया मिंज बताती है कि यह समस्या सिर्फ स्कूल की नहीं है. गली में रहनेवाले विस्थापितों की भी है.प्रबंधन उदासीन, परेशानी :
विस्थापित कई बार गली व स्कूल की समस्याओं से प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट करा चुके हैं. बावजूद प्रबंधन ने अब तक कोई भी सकारात्मक पहल नहीं किया है. इधर, विस्थापितों में भी प्रबंधन की उपेक्षापूर्ण व्यवहार से रोष है. विस्थापितों का कहना है कि पुनर्वास केंद्र में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रबंधन की जिम्मेदारी है. यदि प्रबंधन अतिशीघ्र हमारी समस्याओं का हल नहीं करता है, तो वे ट्रांस्पोर्टिंग रोकने पर विवश होंगे. जिसकी सारी जवाबदेही प्रबंधन की होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है