रांची के 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिले 500 से ज्यादा अंक
रांची.
नीट यूजी की परीक्षा में रांची के स्टूडेंट्स ने बेहतर प्रदर्शन किया है. विभिन्न स्कूलाें और कोचिंग संस्थानों से मिली जानकारी के अनुसार रांची के छह हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने नीट की परीक्षा क्वालिफाई की है. वहीं, 150 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने 500 से ज्यादा अंक प्राप्त किये हैं. राज्य के टॉप रैंकर्स की सूची में ज्यादातर छात्र रांची के हैं. रांची के सिद्धार्थ अग्रवाल ने एआइआर 373 प्राप्त कर शहर में टॉप रैंकर बने हैं. नीट यूजी का परिणाम जारी होने के बाद कोचिंग संस्थानों और स्कूलों में उत्साह का माहौल दिखा. सफल छात्र-छात्राओं को बधाई देने का सिलसिला चलता रहा.रांची के टॉप रैंकर्स
सिद्धार्थ अग्रवाल : एआइआर 373स्पर्श सिदाना : एआइआर 743अर्चित अयन : एआइआर 835
रनक : एआइआर 847अभिषेक कुमार कसेरा : एआइआर 1172करण सिंह : एआइआर 1238मोहम्मद औवेस रजा : एआइआर 1619
करन भास्कर सिंह : एआइआर 1779पिता दीपक सिडाना पढ़ाई को लेकर कभी दबाव नहीं दिये : स्पर्श
स्पर्श सिडाना ने नीट यूजी की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 743वां और 611 अंक प्राप्त किये हैं. उन्होंने 12वीं जेवीएम श्यामली से की है. उन्होंने बताया कि नीट यूजी के लिए कोचिंग और स्कूल की क्लास पर पूरा ध्यान दिये. परीक्षा से एक माह पहले लगभग 50 टेस्ट दिये. फिजिक्स पर ज्यादा फोकस किये. रोज चार से पांच घंटे सेल्फ स्टडी करते थे. पिछले 30 साल के पूछे गये सवालों को हल किये. उनके पिता दीपक सिडाना का बिजनेस है. मां प्रीति सिडाना गृहिणी हैं. स्पर्श ने बताया कि उनकी सफलता में उनके पिताजी का बहुत अहम योगदान है. उनके पिता ने पढ़ाई को लेकर कभी प्रेशर नहीं दिया. हमेशा स्वास्थ्य पर ध्यान देने की बात कही. कई बार टेस्ट में कम अंक आने पर निराश होते थे तो पिताजी बोलते थे एक टेस्ट से कुछ नहीं होता है. पिछले टेस्ट में अच्छे अंक प्राप्त किये हैं, आगे भी अच्छे अंक मिलेंगे.टॉपर टिप्स : निरंतर पढ़ाई करें, अपने डाउट को क्लियर करें और प्रैक्टिस करते रहे
मॉक टेस्ट में कम अंक आने पर पिता डॉ प्रशांत मोटिवेट करते थे : रनक
रनक नीट यूजी की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 847 व 609 अंक प्राप्त किये हैं. उनके पिता डॉ प्रशांत कुमार मंदिलवार व मां डॉ विनीता कुमारी दोनों डॉक्टर हैं. रनक ने बताया कि मां-पिता को लोगों की मदद करते देखते थे, तब से ही डॉक्टर बनने की इच्छा जगी. 11वीं से ही तैयारी करते रहे, बायोलॉजी पर ज्यादा ध्यान दिये. रोज छह से सात घंटे सेल्फ स्टडी करते थे. परीक्षा के पहले तीन माह में लगभग 130 मॉक टेस्ट दिये. उन्होंने बताया कि पिताजी काफी सहयोग किये हैं. अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकालकर स्कूल लेकर जाते, कोचिंग तक छोड़ते थे. मॉक टेस्ट में कम अंक आने पर मोटिवेट करते थे. वह कहते थे खुद से तुलना करना चाहिए दूसरा से तुलना न करें.
टॉपर टिप्स : निरंतर पढ़ाई करें, प्रैक्टिस करें. शिक्षकों के मार्गदशन पर ध्यान दें.
मेरे पिता डॉ अशोक कभी निराश नहीं होने दिये : सिद्धार्थ
सिद्धार्थ अग्रवाल ने ऑल इंडिया रैंक 373 व 623 अंक प्राप्त किये हैं. उनके पिता डॉ अशोक कुमार अग्रवाल और मां डॉ सोनिया बंसल दोनों डॉक्टर हैं. सिद्धार्थ ने बताया कि पिछले दो साल से तैयारी कर रहे थे. निरंतर पढ़ाई करते रहे, अपने क्लास में अपने टीचर्स के मार्गदर्शन पर ध्यान दिये. पिछले 36 साल में पूछे गये सवालों को हल किये. बायोलॉजी पर ज्यादा ध्यान दिये. रोज पांच से छह घंटे सेल्फ स्टडी करते थे. लास्ट के एक महीने में 90 से ज्यादा मॉक टेस्ट दिये. उन्होंने कहा कि पिताजी ने पूरा सपोर्ट किया. मेरी सभी चीजों पर ध्यान देते थे. हमेशा गाइड किये. मॉक टेस्ट में मार्क्स कम आने पर निराश होते तो पिता प्रोत्साहित करते थे. वह कहते थे एक दो टेस्ट में कम अंक आने से कुछ नहीं होता है. आगे और बेहतर तैयारी करते रहो.टॉपर टिप्स : क्लास न छोड़ें, लगातार पढ़ाई करें, पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नों को हल कर लें, पैटर्न को समझें.
पिता डॉ प्रशांत समय निकाल कर पढ़ाते हैं : अर्चित
अर्चित अयन नीट यूजी की परीक्षा में 835 व 609 अंक प्राप्त किये हैं. उनके पिता डॉ प्रशांत जयसवाल और मां डॉ अल्का जयसवाल दोनों डॉक्टर हैं. अर्चित ने बताया कि मां- पिताजी को लोगों की सेवा करते देखते थे, लोग परेशानी लेकर आते थे और खुश हो कर जाते थे. तब ही सोचे थे मेडिकल की तैयारी करेंगे. नीट के लिए एनसीइआरटी पर फोकस किये. आखरी दो माह में लगभग 100 मॉक टेस्ट दिये. सात से आठ घंटे सेल्फ स्टडी करते थे. उन्होंने बताया कि पिताजी ने हमेशा गाइड किया. गलती करने पर डांटने के बजाय समझाते थे. बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे. ज्यादा से ज्यादा समय देते हैं. समय निकल कर पढ़ाते भी हैं.
टॉपर टिप्स : लगातार पढ़ाई करें. टेस्ट में कम अंक आने पर निराश न हों.B
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