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मॉडल बनेगी रांची यूनिवर्सिटी, स्किल्ड युवा करें तैयार, बोले राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुसामी

कुलाधिपति के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुसामी रांची विश्‍वविद्यालय के दौरे से पहले शहीद चौक स्थित रांची विश्‍वविद्यालय मुख्‍यालय पहुंचे, जहां छात्राओं द्वारा झारखंडी परंपरा के अनुसार गीत-नृत्‍य के साथ लोटा के जल से हाथ धुलाकर उनका स्‍वागत किया गया. कुलपति ने उन्‍हें शॉल ओढ़ाकर सम्‍मानित किया.

रांची: झारखंड के राज्‍यपाल सह कुलाधिपति के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुसामी ने मंगलवार को रांची विश्‍वविद्यालय का दौरा किया. इस दौरान ओएसडी जेएमसी नारायण भी उनके साथ थे. प्रो ई बालागुरुसामी ने सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित अटल स्‍मृति सभागार में कुलपति प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्‍हा, प्रोवीसी डॉ अरुण कुमार सिन्‍हा एवं सभी विभागों के हेड, डीन, प्राध्‍यापकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि रांची विश्‍वविद्यालय 1960 से स्‍थापित है और यहां जितने विषयों की पढ़ाई हो रही है, उसे देखकर प्रसन्‍नता है और अब हमें रांची विश्‍वविद्यालय को एक मॉडल विश्‍वविद्यालय बनाना है. यह आप सभी के सहयोग से ही संभव है. उन्‍होंने कहा कि अच्‍छे शिक्षक ही स्किल्‍ड युवाओं को तैयार करते हैं. हमें यह ध्‍यान रखना होगा कि हम सिर्फ डिग्री न बांटें, बल्कि विश्वविद्यालय से युवाओं को दक्ष और बोल्‍ड बना कर निकालें. इसके लिये शिक्षकों को समर्पित होकर नयी तकनीक से छात्रों को पढ़ाना चाहिए. नयी शिक्षा नीति में सबसे अच्‍छी बात है कि छात्र सिर्फ डिग्री प्राप्‍त नहीं करेंगे, बल्कि पढ़ाई के साथ ही स्किल्‍ड भी होंगे. इसके लिये हमें पारंपरिक सिलेबस में बदलाव करना पड़े तो हम करेंगे. हमें ननस्किल्‍ड डिग्रीधारी युवाओं को तैयार करने से बचना है.

कुलपति ने विभिन्‍न कोर्सों तथा शिक्षकों की कमी से अवगत कराया

विश्‍वविद्यालय मुख्‍यालय में चर्चा के दौरान कुलपति प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्‍हा ने शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुसामी को रांची विश्‍वविद्यालय में चल रहे रेग्यूलर विषयों के साथ ही विभिन्‍न वोकेशनल कोर्सों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही कई विषयों में शिक्षकों की कमी से भी अवगत कराया. प्रो ई बालागुरुसामी ने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिये जल्‍द ही कार्य करने की बात कही. डॉ बालागुरुसामी ने नयी शिक्षा नीति पर लिखी अपनी पुस्‍तक कुलपति अजीत कुमार सिन्‍हा को भेंट की.

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पारंपरिक तरीके से स्वागत

कुलाधिपति के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरुसामी रांची विश्‍वविद्यालय के दौरे से पहले शहीद चौक स्थित रांची विश्‍वविद्यालय मुख्‍यालय पहुंचे, जहां छात्राओं द्वारा झारखंडी परंपरा के अनुसार गीत-नृत्‍य के साथ लोटा के जल से हाथ धुलाकर उनका स्‍वागत किया गया. उसके बाद कुलपति ने उन्‍हें शॉल ओढ़ाकर सम्‍मानित किया. कुलसचिव डॉ मुकुंद चंद मेहता एवं डिप्‍टी डायरेक्‍टर सीवीएस डॉ स्‍मृति सिंह ने पुष्‍पगुच्‍छ तथा स्‍मृति चिन्‍ह भेंट किया. कुलपति ने कहा कि यह हमारा सौभाग्‍य है कि प्रो ई बालागुरुसामी झारखंड में हमारे शैक्षणिक सलाहकार हैं. इन्‍होंने कई किताबें लिखने के अलावा आंध्र प्रदेश में आईटी सलाहकार, हरियाणा और पंजाब सरकार में सलाहकार एवं कई राज्‍यों में महत्‍वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.

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पदाधिकारियों के साथ किया निरीक्षण

प्रो ई बालागुरुसामी ने कुलपति तथा आरयू के सभी पदाधिकारियों के साथ मोराबादी परिसर में आरयू के आइक्‍यूएसी, जूलॉजी, बॉटनी, बायोटेक, केमिस्‍ट्री, मास कम्‍युनिकेशन, लीगल स्‍टडीज विभागों में जाकर कक्षाओं, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम सहित अन्‍य सुविधाओं को देखा. कार्यक्रम का संचालन डॉ स्‍मृति सिंह ने किया, वहीं धन्‍यवाद ज्ञापन कुलसचिव आरयू डॉ मुकुंद चंद्र मेहता ने किया. आरयू एफए डॉ देवाशीष गोस्‍वामी, डिप्‍टी रजिस्‍ट्रार डॉ प्रीतम कुमार, सीसीडीसी डॉ पीके झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष कुमार झा, एफओ डॉ कुमार आदित्‍यनाथ शाहदेव, डीएसडब्‍ल्‍यू डॉ सुदेश साहु, डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ हरि उरांव सहित अन्य उपस्थित थे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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