विशेष संवाददाता, रांची. निर्देश के बाद भी राज्य के अधिकतर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के राजस्व कार्यालयों का नियमित निरीक्षण का कार्य नहीं हो रहा है. इससे कार्यालयों में हो रहे कार्यों की समीक्षा भी नहीं हो पा रही है. न ही मामलों के बारे में उच्चाधिकारियों को स्पष्ट जानकारी ही मिल पा रही है. अधिकारियों को निरीक्षण कर प्रतिवेदन एचआरएमएस पोर्टल पर अपने परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट में अंकित करना है. वहीं इससे विभाग को अवगत भी कराना है, पर काफी कम ही जगहों से निरीक्षण व समीक्षा की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हो रही है. विभाग की ओर से जून 2024 में इस बाबत सभी आयुक्तों व उपायुक्तों को निर्देश दिया गया था. वहीं इस साल भी फरवरी में पत्र लिखा है. इसके माध्यम से नियमित निरीक्षण करने को कहा गया है. यह कहा गया है कि जिला राजस्व शाखा, जिला भू-अर्जन कार्यालय, जिला खासमहाल कार्यालय, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, अंचल कार्यालय व अन्य कार्यालयों के निरीक्षण का प्रावधान किया गया है. ऐसे में प्रमंडलीय आयुक्त व उपायुक्त के साथ ही अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचल अधिकारी द्वारा राजस्व कार्यालयों का नियमित रूप से समीक्षा भी करनी है. इस क्रम में दाखिल खारिज के मामलों सहित भू-वापसी के मामले, गैर मजरुआ भूमि के मामले, न्यायालय से संबंधित कार्यों, भू-अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, भू-अर्जन, अतिक्रमण, राजस्व संग्रह, खासमहाल जमीन के मामलों आदि की नियमित समीक्षा होनी है. क्यों की गयी है यह व्यवस्था : सरकार ने राजस्व से संबंधित आमलोगों के कार्यों के सुचारू संचालन के लिए यह व्यवस्था की है. आमलोगों के मामले फंसे नहीं, उसे लटका कर रखने वाले कार्यालय व कर्मचारियों-अधिकारियों को चिह्नित किया जा सके, इसके लिए यह प्रावधान किया गया है. उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार संबंधित कार्यालयों के निरीक्षण व समीक्षा से रैयतों के कार्यों को लटका कर रखना मुश्किल होगा. ऐसे में उन्हें राहत मिलेगी.
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