21.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पांच वर्षों में सिर्फ दांत निकालने में सक्षम हो पाया रिम्स डेंटल कॉलेज, निजी क्लिनिक में दिखाने को विवश मरीज

रिम्स डेंटल कॉलेज में दांत की हर समस्या के लिए अलग-अलग विभाग और उसके विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं. दांत को बचाने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) किया जाता है.

रिम्स डेंटल कॉलेज पिछले पांच वर्षों में सिर्फ दांत निकालने में ही आत्मनिर्भर हो पाया है. दांत की अन्य समस्याएं लेकर आनेवाले मरीजों को सामान उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर बाद में आने को कहा जाता है. ऐसे में मरीज ज्यादा खर्च पर निजी डेंटल क्लिनिक में दिखाने को विवश हैं.

ज्ञात हो कि रिम्स डेंटल कॉलेज में दांत की हर समस्या के लिए अलग-अलग विभाग और उसके विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं. दांत को बचाने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) किया जाता है. इसके लिए रिम्स में अलग विभाग है. इस विभाग में चार डॉक्टर हैं, लेकिन, अक्सर मरीजों को सामान उपलब्ध नहीं होने और आरसीटी के बाद कैपिंग की सुविधा शुरू नहीं होने का हवाला देकर लौटा दिया जाता है. निजी क्लिनिक में आरसीटी की पूरी प्रक्रिया पर आठ से 10 हजार रुपये का खर्च आता है. वहीं, कैपिंग पर चार से 12 हजार का खर्च आता है. वहीं, दांत की सफाई के लिए मरीजों को 10 से 15 दिनों बाद का नंबर दिया जाता है.

सिर्फ ओरल सर्जरी विभाग ही कारगर :

रिम्स डेंटल कॉलेज का सिर्फ ओरल सर्जरी विभाग ही कारगर है. यहां दांत निकालने के अलावा सर्जरी भी की जाती है. प्रतिदिन 10 से 12 मरीजों के दांत निकाले जाते हैं. वहीं, माह में 20 से 25 घायलों के दांत की सर्जरी की जाती है. ओरल सर्जरी विभाग इएनटी विभाग के सहयोग से सर्जरी करता है.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel