रांची. रिम्स में करीब 400 डॉक्टर और 2,100 कर्मचारी सेवा देते हैं. इनके वेतन मद में हर महीने 25 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है. वहीं, सरकार द्वारा नॉन-प्लानिंग मद में सैलरी का फंड सलाना 300 करोड़ दिया जाता है. सरकार से नये वित्तीय वर्ष का फंड मई महीने तक अक्सर मिल जाता है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में जून महीने की 13 तारीख होने पर भी फंड नहीं आया है. ऐसे में रिम्स के पास डॉक्टर और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है.
आंतरिक फंड में अब आठ से नौ करोड़ रुपये ही बचे
इधर, सूत्रों ने बताया कि रिम्स द्वारा दो महीने का वेतन आंतरिक फंड से दिया गया, लेकिन जून महीने में इस आंतरिक फंड में अब आठ से नौ करोड़ रुपये ही बचे हैं. ऐसे में किसका वेतनमान जारी किया जाये, इसे लेकर रिम्स के अधिकारी असमंजस में हैं. यह विचार किया जा रहा है कि छोटे कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया जाये. वहीं, फंड आने के बाद डॉक्टरों को वेतन दिया जाये.
स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाने की तैयारी
वित्तीय वर्ष 2025-26 का फंड जारी करने के लिए रिम्स द्वारा स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाने की तैयारी की जा रही है. वेतन मद में नॉन प्लानिंग का फंड जारी करने का आग्रह किया जायेगा. विभाग को यह बताया जायेगा कि छोटे कर्मचारी जैसे : दैनिक वेतनभोगी, आउटसोर्सिंग कर्मचारी और नर्सिंग स्टाफ के अलावा तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी को वेतन देना जरूरी है. रिम्स पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने बताया कि वेतन देने के लिए सही में फंड नहीं है. अब आंतिरक फंड का पैसा भी खत्म हो गया है. हर साल मई से पहले फंड मिल जाता था, लेकिन पता नहीं क्यों इस वित्तीय वर्ष का फंड नहीं आया है. छोटे कर्मचारियों को दिक्कत नहीं हो, इसका रास्ता निकाला जा रहा है.
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