रांची. झारखंड को वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत सरकार से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क योजनाएं नहीं मिली हैं. नयी सड़क योजनाओं की स्वीकृति की आस में यह वित्तीय वर्ष समाप्त हो गया. योजनाओं की स्वीकृति का मामला केंद्र में लटका रह गया. ऐसे में ग्रामीण कार्य विभाग केवल पुरानी योजनाओं पर ही लगा रहा. पुरानी योजनाओं का टेंडर आदि सारी प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू कराया गया है. अब पूरा विंग केवल इन योजनाओं के प्रोग्रेस में लगा है. जानकारी के मुताबिक झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेएसआरआरडीए) ने भारत सरकार को दो चरणों में करीब 1200 किमी की सड़क योजनाओं का डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा था. इन सड़क योजनाओं की लागत करीब 1000 करोड़ है. फिलहाल योजनाएं स्वीकृति की आस में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में पड़ी हुई है. इनमें से करीब 750 किमी की सड़क योजनाओं को लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय में हर स्तर की बैठकें हो गयी हैं. इसकी लागत करीब 6400 करोड़ है. अब इस पर केवल मंत्रालय के स्तर पर स्वीकृति देनी है. इसमें किसी तरह की आपत्ति भी अभी तक नहीं की गयी है. इसके बाद 450 किमी की योजना को स्वीकृति के लिए दिल्ली भेजा गया है. इसकी लागत करीब 3800 करोड़ है. इसे लेकर भी दो स्तरों पर बैठक हुई है. फिर मामला आगे नहीं बढ़ा है. ग्रामीण कार्य विभाग योजनाओं की स्वीकृति के इंतजार में है. केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद ही नयी सड़कों का काम शुरू कराया जायेगा.
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