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सम्मेद शिखर विवाद : CM हेमंत साेरेन ने केंद्र को लिखा पत्र, अधिसूचना के तहत लें उचित निर्णय

गिरिडीह के सम्मेद शिखर मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने सम्मेद शिखर की सुचिता बनाये रखने के लिए केंद्र सरकार की संबंधित अधिसूचना के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया है.

Jharkhand News: गिरिडीह में सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किये जाने के बाद उपजे विवाद को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से सीएम ने जैन अनुयायियों द्वारा प्राप्त आवेदनों के अनुसार पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखर की सुचिता बनाये रखने के लिए केंद्र सरकार की संबंधित अधिसूचना के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया है.

जैन समुदाय का पवित्र स्थल है सम्मेद शिखर

पत्र में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि गिरिडीह जिला अंतर्गत पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणक काल से ही जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल है. मान्यता के अनुसार, जैन धर्म के कुल 24 तीर्थकरों में से 20 तीर्थकरों द्वारा निर्वाण प्राप्त किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कई जैन अनुयायियों से इस स्थल की पवित्रता और सुचिता बनाये रखने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या में 2795, दिनांक, दो अगस्त 2019 को निरस्त करने के लिए आवेदन प्राप्त हुए है.

राज्य सरकार ने रखी अपनी राय

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के इस अधिसूचना में पर्यटन सहित पारिस्थितिक पर्यटन का उल्लेख है. जिस पर जैन समुदाय को आपत्ति होने का उल्लेख प्राप्त आवेदनों में दर्ज है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का संपूर्ण सम्मान करती है. कहा कि केंद्र सरकार के इस अधिसूचना के क्रियान्वयन को लेकर राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.

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केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा था पत्र

बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से सम्मेद शिखर मामले में जारी किये गये अधिसूचना में संशोधन करने के लिए अनुशंसा करने को कहा है. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में पत्र लिखा गया है. इस पत्र के आलोक में बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी अनुशंसा के तहत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पारसनाथ को इको संसेटिव जोन घोषित किया था. इससे जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है. जैन समुदाय की ओर से सौंपे गये ज्ञापन में पारसनाथ को इको सेंसेटिव घोषित किये गये फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गयी है.

समुचित निर्णय लेने का आग्रह

इस पत्र के आलोक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भेजे पत्र में स्थिति स्पष्ट करते हुए समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया. पत्र के माध्यम से कहा गया कि जैन अनुयायियों से प्राप्त अनुरोध के आलोक में उनके धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए समुचित निर्णय लेने की कृपा की जाए.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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