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Ranchi News : अग्रसेन भवन में सावन महोत्सव नौ जुलाई से

अग्रवाल सभा महिला समिति की ओर से नौ से 11 जुलाई तक महाराजा अग्रसेन भवन में सावन महोत्सव मनाया जायेगा.

रांची. अग्रवाल सभा महिला समिति की ओर से नौ से 11 जुलाई तक महाराजा अग्रसेन भवन में सावन महोत्सव मनाया जायेगा. संयोजिका अलका सरावगी जी ने बताया कि अग्रवाल सभा महिला समिति 25 वर्षों से महिला उद्यमियों को मंच प्रदान करते आ रहा है. मेले में विभिन्न राज्यों व शहरों की अनेक कलाकृतियां उपलब्ध रहेगी. पोस्टर का विमोचन किया गया. मौके पर मंत्री अनिल कुमार, रामाशंकर बगड़िया, गीता डालमिया, नैना मोर, मधु शराफ, रीना, सुरेखा, उर्मिला पड़िया, बबीता नारसरिया उपस्थित थीं.

डांस ड्रामा फेस्टिवल में ओरी चिरैया को पहला स्थान

रांची. झारखंड फिल्म एंड थिएटर अकादमी के स्टूडियो थिएटर में डांस ड्रामा फेस्टिवल हुआ. नाम था ताल और तमाशा. पांच अलग विषयों पर आधारित डांस ड्रामा का प्रदर्शन किया गया. इसमें वो पागल नहीं बीमार था, मुक्ति, भ्रष्टाचार का आचार, हाथ की सफाई और ओरी चिरैया. पांच प्रस्तुतियों का निर्देशन और परिकल्पना राजीव सिन्हा ने किया. मुख्य अतिथि पाजेब डांस अकादमी के निर्देशक दीपक सिन्हा मौजूद थे. निर्णायक मंडली में क्रांधा डांस इंस्टीट्यूट से तृषा भाटिया और सुनीता उरांव के साथ रंगकर्मी निरंजन मिश्रा शामिल थे. वरिष्ठ रंगकर्मी मलय मिश्रा मौजूद थे. पहला स्थान ओरी चिरैया को, दूसरा स्थान हाथ की सफाई और तीसरा स्थान भ्रष्टाचार का आचार को मिला.

लक्ष्मी-नारायण यज्ञ पर निकाली गयी कलश यात्रा

रांची. श्री माताजी सेवा ट्रस्ट साईं सिटी पुंदाग में लक्ष्मी नारायण यज्ञ के अवसर पर कलश यात्रा निकाली गयी. कार्यक्रम में वाराणसी के आचार्य दानीश्वर ओझा ने कहा कि यज्ञ का अर्थ संयम, सेवा, पवित्रता और सामूहिकता है. यह एक दर्शन है, जो जीवन को पवित्र बनाता है. कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रियांशु, शिल्पी, नुपूर, इशिता, प्रीति सिंह, मंजू पांडा, प्रकाश कुमार, गणेश ठाकुर, प्रभाकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

माता लक्ष्मी ने भगवान के रथ के पहिए तोड़े

रांची. रथ पंचमी के अवसर पर सोमवार को माता लक्ष्मी ने भगवान के रथ का पहिया तोड़ दिया. यह एक रस्म है. हर साल रथ पंचमी के दिन निभाया जाता है. इससे पूर्व मंदिर के पुजारी पंडित अश्विनी नाथ मिश्रा की ओर से मुख्य मंदिर से लक्ष्मी माता को पीट्टा घंट व शंख ध्वनि और उनकी जयकारा के साथ प्रतिमा मौसीबाड़ी के समीप खड़े रथ तक लायी गयी. पूजा के बाद रस्म को निभाया गया. इसमें महावीर लोहार और लालजीत उरांव समेत अन्य लोगों ने सहयोग किया. मालूम हो कि स्नान मंडप में लक्ष्मी-नारायण समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा है. घुरती रथ मेला के दिन भगवान के मुख्य मंदिर में वापस लौटने के बाद गर्भ गृह खुलता है, जहां भगवान जगन्नाथ स्वामी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र सहित अन्य को विराजमान कर उनकी पूजा-अर्चना शुरू हो जाती है. इस बार घुरती रथयात्रा छह जुलाई को है.

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