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झारखंड : रांची के इन इलाकों में एक अगस्त से धारा-144 लागू, जानें कारण

एक अगस्त से इंटर सप्लमेंट्री की परीक्षा शुरू हो रही है. इसको देखते हुए राजधानी रांची के परीक्षा केंद्रों के आसपास धारा-144 लागू किया गया है. यह व्यवस्था एक अगस्त से आठ अगस्त, 2023 तक रहेगी. इस दौरान पांच या पांच से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक रहेगी.

Jharkhand News: झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी जैक द्वारा संचालित इंटरमीडिएट आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स की सप्लीमेंट्री परीक्षा को लेकर राजधानी रांची के कई इलाकों में एक अगस्त से धारा-144 लागू होगा. सप्लीमेंट्री परीक्षा के कारण परीक्षा केंद्रों पर लगने वाली भीड़ को देखते हुए रांची सदर एसडीओ ने परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा जारी की है.

एक से आठ अगस्त तक होना है एग्जाम

आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स की सप्लीमेंट्री परीक्षा एक अगस्त से आठ अगस्त, 2023 तक निर्धारित है. प्रथम पाली में सुबह 09:45 बजे से दोपहर 01:05 बजे तक तथा द्वितीय पाली में दोपहर 02:00 बजे से शाम 05:20 बजे तक परीक्षा का आयोजन होगा.

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रांची के इन सेंटर्स पर होगा एग्जाम

राजधानी रांची के संत अलोइस इंटर कॉलेज, पुरुलिया रोड रांची, संत अन्ना इंटर कॉलेज रांची और संत जॉन इंटर कॉलेज रांची में सप्लीमेंट्री एग्जाम का परीक्षा सेंटर बनाया गया है. परीक्षा केंद्र पर कदाचारमुक्त वातावरण में परीक्षा का आयोजन कराने एवं विधि-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए डीसी सह जिला दंडाधिकारी और एसएसपी, रांची द्वारा पुलिस बल एवं पुलिस पदाधिकारी के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है.

निषेधाज्ञा जारी

परीक्षा सेंटर्स पर छात्र के अलावा उनके अभिभावकों की भीड़ उमड़ेगी. इससे लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित होगा. इसको देखते हुए सदर एसडीओ ने धारा-144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा जारी की गयी है.

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इन चीजों पर रोक

  • पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह जमा होने पर रोक (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों/कर्मचारियों तथा सरकारी कार्यक्रम एवं शवयात्रा को छोड़कर).

  • किसी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र का व्यवहार करने पर रोक.

  • किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, जैसे-बंदूक, राईफल, रिवाल्वर, बम, बारूद आदि लेकर चलने पर रोक (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों/कर्मचारियों को छोड़कर).

  • किसी प्रकार का हरवे हथियार जैसे- लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर चलने पर रोक (सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों / कर्मचारियों को छोड़कर).

  • किसी प्रकार की बैठक या आमसभा का आयोजन करने पर रोक

  • यह निषेधाज्ञा दिनांक एक अगस्त से आठ अगस्त, 2023 तक हर दिन सुबह 06:45 बजे से रात 08.20 बजे तक प्रभावी रहेगा.

धारा-144 क्या है

धारा 144, भारतीय दंड संहिता की एक धारा है जो विशेष आपात स्थिति में किसी क्षेत्र में सार्वजनिक जुटते हुए व्यक्तियों की समूहिक एकता को नियंत्रित करने के लिए लागू की जाती है. इस धारा के तहत किसी स्थान में धारा 144 लागू करने के पश्चात, वहां सार्वजनिक जुटने और विधिवत विरोध के लिए प्रतिबंध लग जाता है.

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प्रशासनिक अधिकारी या न्यायिक अधिकारी इसे करा सकते हैं लागू

धारा 144 के तहत तत्कालिक प्रशासनिक अधिकारी या न्यायिक अधिकारी इस धारा को लागू कर सकते हैं. अगर संभावित खतरे या उपद्रव की वजह से सार्वजनिक शांति और आपसी सद्भाव को संरक्षित रखने के लिए जरूरत महसूस करते हैं. धारा 144 का प्रभाव होने पर उस क्षेत्र के अंदर अनुमति के बिना धर्मिक यात्राएं, जुलूस, धर्मिक सभा और सभी प्रकार के सार्वजनिक सभाएं प्रतिबंधित हो सकती हैं.

विशेष परिस्थितियों में लोगों की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य

हालांकि, धारा 144 के तहत कुछ विशेष स्थितियों में अधिकारियों को इसे लागू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, जैसे कि वे यह सुनिश्चित करें कि यह अनावश्यक नहीं है और संविधान के अधीन रहता है. धारा 144 को लागू करने का उद्देश्य विशेष परिस्थितियों में कम समय में जनता की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करना होता है.

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सीआरपीसी का हिस्सा है

यह एक कानूनी प्रावधान है जो अधिकारियों को सार्वजनिक शांति और शांति के लिए संभावित खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति देता है. यह भारत में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) का हिस्सा है और अन्य देशों की कानूनी प्रणालियों में भी इसी तरह के प्रावधान मौजूद हो सकते हैं.

ऐसे की जाती है लागू

जब धारा 144 लगायी जाती है, तो यह एक निश्चित अवधि के लिए किसी विशेष क्षेत्र में चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है. इस धारा का प्राथमिक उद्देश्य किसी भी सभा या जुलूस को रोकना है जिससे दंगे, गड़बड़ी या अन्य प्रकार की नागरिक अशांति हो सकती है. इसे अक्सर आपात स्थिति, नागरिक अशांति, सांप्रदायिक तनाव या ऐसी स्थितियों के दौरान लागू किया जाता है जहां हिंसा या सार्वजनिक अव्यवस्था का खतरा होता है.

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Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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