रांची. आउटसोर्सिंग एजेंसी का विरोध कर रहे एचइसी सप्लाई कर्मियों ने आंदोलन के 21वें दिन सोमवार को अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया. सप्लाई कर्मियों ने नेहरू पार्क से रैली निकाली और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एचइसी मुख्यालय के गेट के समक्ष पहुंचे. यहां पहले से तैनात सीआइएसएफ के जवानों ने उन्हें सड़क पर ही रोक दिया. इससे सप्लाई कर्मी आक्रोशित हो गये और जवानों के साथ उनकी हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. इसके बाद सप्लाई कर्मी सड़क पर ही बैठ गये, जिससे सड़क जाम हो गयी. वहीं, प्रदर्शन के बाद सभा को संबोधित करते हुए दिलीप सिंह ने कहा : मजदूरों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. 25-30 वर्षों से काम करते आ रहे विस्थापित, मृत कर्मचारी के आश्रित काम कर रहे है. जिन्हें आज के समय में स्थाई होना चाहिए था, लेकिन प्रबंधन आउटसोर्सिंग एजेंसी के अधीन करना चाहती है.
सप्लाई कामगारों को नहीं देखना चाहते भेल से आये निदेशक
समिति के मनोज पाठक ने कहा : भले से आये एचइसी के निदेशक सप्लाई कामगारों को देखना नहीं चाहते हैं. इनकी रणनीति सप्लाई कामगारों की सुविधाएं काटने और उसके बाद आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिये बाहर का रास्ता दिखाने की है. पूर्व में जो सुविधाएं मिली रही हैं, प्रबंधन उन्हें यथाशीघ्र लागू करे. समिति के प्रेम प्रकाश नाथ शाहदेव ने कहा कि प्रबंधन अगर वार्ता के लिए नहीं बुलाता है और मांगें पूरी नहीं करता है, तो विस्थापित तीर-धनुष लेकर एचइसी मुख्यालय का घेराव करेंगे और किसी भी अधिकारी को मुख्यालय में घुसने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि प्रबंधन शांतिपूर्ण आंदोलन से समझने वाला नहीं है.
भेल से आये निदेशकों को सप्लाई कर्मियों से कोई लेना-देना नहीं
समिति के रंथू लोहरा ने कहा कि यहां वर्षों से काम करनेवाले विस्थापित और मृत कर्मचारी के आश्रित अब प्रबंधन की चाल को समझ गये हैं. पूर्व प्रबंधन को मजदूरों के साथ सहानुभूति थी, लेकिन भेल से आये निदेशकों को सप्लाई कर्मियों से कोई लेना-देना नहीं है. इनकी चालाकी और चतुराई हम मजदूर कभी सफल नहीं होने देंगे. एनएसयूआइ के रोहित पांडेय ने कहा : अगर जरूरत पड़ी, तो हर कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्र सप्लाई कर्मियों के समर्थन में आंदोलन में शामिल होंगे.एक आंख में काजल और एक आंख में सुरमा नहीं चलनेगा
समिति के वाई त्रिपाठी ने कहा कि प्रबंधन का ‘एक आंख में काजल और एक आंख में सुरमा’ कभी नहीं चलने देंगे. प्रबंधन त्रिपक्षीय समझौता जो 2010 में पूर्व श्रमायुक्त के साथ हुई थी, उसे लागू करे. उन्होंने कहा कि इस बार अगर कर्मचारी अपने मांगों से चूक जाते हैं, तो प्रबंधन आनेवाले दिन में उन्हें सप्लाई कामगार मानने से इनकार कर देगी. इस अवसर पर शारदा देवी, उवैस आज़ाद, मोईन अंसारी, सुनील कुमार, विकास शाहदेव, प्रमोद कुमार, विजय साहू, राजेश शर्मा, दीपक लोहरा, हरेराम चौधरी ने भी संबोधित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है