प्रतिनिधि, पिपरवार.
एक महीने पहले जहां सीएचपी/सीपीपी परियोजना में कोयला रखने की जगह नहीं थी और कोयला स्टॉक में आग लग गयी थी. अब कोयले की कमी की वजह से सैकड़ों की संख्या में डंपर खड़े हो गये हैं. परियोजना प्रबंधन द्वारा डंपर मालिकों को स्टॉक में कोयले की कमी का हवाला देते हुए अगले आदेश तक डंपरों को खड़े रखने का निर्देश दिया है. इससे डंपर मालिक काफी परेशान हैं. जानकारी के अनुसार आम्रपाली परियोजना खदान से कोयले का आवक रुक जाने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. परियोजना का रॉ कोल पाइल व वॉश कोल पाइल खाली पड़े हैं. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों आम्रपाली खदान में लगी सरफेस माइनर में तकनीकी खराबी आने की वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है. जिससे सीएचपी तक कोयला पहुंच नहीं पा रहा था. सीएचपी को सिर्फ अशोक परियोजना खदान का कोयला उपलब्ध हो पा रहा था. लेकिन पिछले दिनों लगातार हुई बारिश की वजह से अशोक खदान का भी उत्पादन प्रभावित हुआ. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना में कोयले की कमी थी. पर, अब अशोक परियोजना से कोयला आना शुरू हो गया है. वर्तमान में लगभग पांच हजार टन कोयला उपलब्ध है. गुरुवार सुबह से कोयला ढुलाई पुन: शुरू हो जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है