रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नीलांबर पीतांबर विवि की ओर से एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए अपील याचिका को स्वीकार कर लिया. साथ ही एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया. एकल पीठ ने एसजेएसएन कॉलेज गढ़वा के व्याख्याता बृज कुमार मिश्र की सेवा को पांच दिसंबर 1987 से नियमित करने का आदेश दिया था.
आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान विवि की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने पैरवी की. उन्होंने एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया था. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि बृज कुमार मिश्र 22 फरवरी 1986 में एसजेएसएन कॉलेज गढ़वा में हिंदी विभाग में लेक्चरर के पद पर नियुक्त हुए थे. उस समय लेक्चरर पद की बहाली के लिए जो निर्धारित मार्क्स था, वह उनके पास नहीं था. निर्धारित मार्क्स प्राप्त करने के बाद उनकी ओर से पांच दिसंबर 1987 की तिथि से नियमितीकरण की मांग की गयी थी. विश्वविद्यालय ने एक व्याख्याता की सेवानिवृत्ति के बाद पद रिक्त होने पर एक जून 2003 से बृज कुमार मिश्र का लेक्चरर पद पर नियमितीकरण किया था. चूंकि वर्ष 1987 में हिंदी विभाग में चार ही पद स्वीकृत थे और श्री मिश्र पांचवें नंबर पर थे, इसलिए उन्हें पद रिक्त होने पर एक जून 2003 से नियमित किया गया है, जो उचित है. ज्ञात हो कि प्रार्थी नीलांबर पीतांबर विवि की ओर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी थी.
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