रांची. झारखंड की जनजातीय चित्रकला सोहराई को अब परिधानों में भी उतारा जायेगा. इसके लिए ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (टिक्की) ने पहल की है. टिक्की हरियाणा की उषा इंटरनेशनल के साथ मिलकर सोहराई को परिधानों में उतारने की दिशा में काम करेगा. इसके लिए एमएसएमइ कार्यालय, भारत सरकार, रांची के सभागार में टिक्की और उषा इंटरनेशनल लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ है. सोहराई पेंटिंग मूल रूप से घरों की दीवारों पर की जाती है. इसमें प्रकृति और जानवरों की आकृतियां स्पेशल पैटर्न में उकेरी जाती है. अब यह परिधानों में भी दिखेगी और इसे लेकर फैशन शो का भी आयोजन किये जाने की योजना है.
आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार से
जोड़ेंगे
उषा इंटरनेशनल लिमिटेड देश भर में 1600 सिलाई स्कूल खोलकर ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भूमिका निभा रही है. वहीं, ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री आदिवासी उद्यमियों का संगठन है. यह देश के 15 राज्यों में संचालित है. दोनों संगठन साथ मिलकर आदिवासी बहुल राज्यों में आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए काम करेंगे.
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