प्रतिनिधि, खूंटी/रांची़
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस पर बाल श्रममुक्त खूंटी कार्यक्रम का आयोजन नगर भवन में किया गया. कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन, बाल कल्याण संघ व अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने संयुक्त रूप से किया. इसमें बाल मंच के बच्चों ने बाल श्रम उन्मूलन पर भाषण और नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर नन्हें हाथों में हो किताबें, न कि औजार का संदेश दिया. मुख्य अतिथि महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के उप सचिव विकास कुमार ने कहा कि बाल श्रम की प्रकृति अब बदल रही है. होटल, कारखाने जैसे कई स्थल अभी भी बच्चों के श्रम शोषण के केंद्र बने हुए हैं. सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्य कर रही है. जिला श्रम अधीक्षक ने बताया कि 2011 के बाद बाल श्रम का डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन जिला प्रशासन एवं बाल कल्याण संघ निरंतर संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि हाल ही में दिल्ली जैसे महानगरों से 218 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 123 बच्चों को स्पांसरशिप योजना में सम्मिलित किया गया है. जिले से 542 बच्चों की सूची मिली है, जो कठिन परिस्थितियों में जीवन-यापन कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के राष्ट्रीय समन्वयक नरसिंहम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और यूनिसेफ के संयुक्त सर्वे के अनुसार अब भी 1.16 मिलियन बच्चे बाल श्रमिक हैं. बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने कहा कि झारखंड सरकार बच्चों के हित में संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है. एनसीपीसीआर और बाल कल्याण संघ द्वारा किये गये सर्वे में खूंटी जिले में बालश्रम की दर न्यूनतम है. अधिकांश बच्चों को विद्यालयों में नामांकन करा दिया गया है. कार्यक्रम में बाल मंच के लगभग 300 बच्चों ने हिस्सा लिया.बालश्रम मुक्त खूंटी अभियान को लेकर कार्यक्रम का आयोजन
फोटो-अंतरराष्ट्रीय बालश्रम उन्मूलन दिवसB
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