(विश्व जनसंख्या दिवस आज)
एनएफएचएस-5 के आंकड़े बता रहे कि गांवों में बेटियों के प्रति बढ़ा सम्मान, शहरों में चिंता बरकरार
रांची(राजीव पांडेय). झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों को सहेजने की सोच मजबूत होती दिख रही है, लेकिन शहरी क्षेत्र इस कसौटी पर अब भी पीछे है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) 2020-21 के ताजा आंकड़ों से यह तथ्य सामने आया है कि पिछले पांच वर्षों में गांवों में जन्म लेने वाली बच्चियों की संख्या में सुधार हुआ है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह चिंताजनक रूप से गिरा है. ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 बच्चों पर 926 बच्चियों ने जन्म लिया. शहरी क्षेत्रों में यह अनुपात गिरकर महज 781 रह गया. झारखंड में कुल औसत लिंगानुपात बच्चों के जन्म के आधार पर घटकर 899 पर पहुंच गया है, जबकि एनएफएचएस-4 (2015-16) में यह 1002 था. झारखंड की प्रजनन दर घटकर 2.3 हो गयी है. आधुनिक गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग बढ़ा है. अब 49.5% दंपति इनका इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे संकेत मिलता है कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है.युवा नेतृत्व और समानता पर जोर
विश्व जनसंख्या दिवस पर वर्ष 2025 का थीम ”युवाओं को एक निष्पक्ष और आशापूर्ण विश्व में अपने मनचाहे परिवार बनाने के लिए सशक्त बनाना” है. इस थीम का उद्देश्य युवा नेतृत्व, प्रजनन अधिकारों और लैंगिक समानता में इसके महत्व को बताना है. सरल भाषा में इसे समझा जाये तो इसका उद्देश्य यह है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और व्यापक परिवार नियोजन के लिए युवाओं से आग्रह किया गया है.बढ़ रही है झारखंड में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या
झारखंड में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. एनएफएचएस-चार (वर्ष 2015-16) में 1000 पुरुषों की तुलना में 1002 महिलाएं थी. वहीं, एनएफएचएस-पांच (वर्ष 2020-21) में यह आंकड़ा बढ़कर 1050 हो गया है. इधर, ग्रामीण क्षेत्र में 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1070 है. वहीं, शहरी क्षेत्र में यह संख्या काफी कम है, यहां 1000 पुरुषों की पर 989 महिलाएं है.झारखंड की आबादी चार करोड़ से ज्यादा
झारखंड की आबादी तेजी से बढ़ रही है. अनुमानित जनसंख्या बढ़कर 4.06 करोड़ (40.6 मिलियन) से अधिक पहुंच गयी है. वहीं, वर्ष 2011 की जनगणना की माने तो झारखंड की जनसंख्या 32988134 थी. 2021 में यह संख्या बढ़कर 3.94 करोड़ हो गई थी.वहीं, वर्ष 2022 में चार करोड़ हो गयी थी. यहां बता दें कि वर्ष 2025 में झारखंड की आबादी कितनी पहुंच गयी है इसकी आधिकारिक आंकड़ा बताया नहीं जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है