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Ranchi news : संघर्ष करने से ही मिलती है सफलता : फादर नाबोर

गोस्सनर कॉलेज में करियर काउंसेलिंग

: गोस्सनर कॉलेज में करियर काउंसेलिंग

रांची. गोस्सनर कॉलेज में आइक्यूएसी और अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में करियर काउंसलिंग का आयोजन हुआ. मुख्य वक्ता के रूप में संत जेवियर कॉलेज रांची के पूर्व प्राचार्य फादर नाबोर लकड़ा एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं के मेंटोर एमए हक उपस्थित थे. फादर नाबोर लकड़ा ने संघर्ष और चेतना की उपयोगिता पर विद्यार्थियों को जानकारी दी. कहा कि संघर्ष से नहीं डरें. अगर आप संघर्ष करते हैं, तो सफलता जरूर मिलेगी. मेंटोर एमए हक ने स्नातक की पढ़ाई करते हुए लोक सेवा परीक्षा की तैयारी पर चर्चा की. महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य प्रो इलानी पूर्ति ने समय के महत्व के विषय पर जोर दिया. कहा कि समय कभी लौट कर नहीं आता, इसलिए जो करना है, उसे अभी करना है. मंच संचालन डॉ सुषमा केरकेट्टा ने किया. इस अवसर पर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ ईवा, डॉ सुब्रतो सिन्हा, डॉ गौतम एक्का, डॉ अदिति टोप्पो, डॉ प्रियंका सोरेन एवं अन्य मौजूद थे.

वनवासी कल्याण केंद्र की महिला कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण वर्ग शुरू

रांची. वनवासी कल्याण केंद्र के महिला आयाम के कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन शनिवार को सरला बिड़ला स्कूल के प्रांगण में हुआ. इस वर्ग में शामिल होने के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों से महिलाएं पहुंची हैं. ये महिलाएं नेतृत्व विकास, जनजाति आयोग एवं महिला आयोग द्वारा चलायी जा रही योजनाएं, जनजाति परंपरा और संस्कृति की विशेषताएं एवं भाषण कला आदि विषयों पर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्राप्त करेंगी. उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि कोल्हान विवि की कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि है. बाबा तिलका मांझी, सिदो- कान्हू, चांद-भैरव, फूलों-झानो जैसे वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया. इनके संघर्ष के कारण ही संतालों के लिए संताल परगना बना. परंतु दुर्भाग्य है कि इतिहास के पन्नों में जो जगह इन्हें मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला. राष्ट्रीय सह महिला प्रमुख अनुराधा भाटिया ने कहा कि जनजाति समाज संघर्षशील रहा है, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया. उरांव समाज की सिनगी दई व कैली दई ने मुगलों को तीन-तीन बार युद्ध में पराजित किया था. उदघाटन के मौके पर श्रीहरि वनवासी विकास समिति की अध्यक्ष तनुजा मुंडा, वनवासी कल्याण केंद्र के महामंत्री धनंजय सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत, प्रांत संगठन मंत्री सुशील मरांडी, क्षेत्रीय महिला प्रमुख सुलेखा कुमारी सहित अन्य उपस्थित थीं.

वनवासी कल्याण केंद्र के महिला आयाम के कार्यकर्ताओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन शनिवार को सरला बिड़ला स्कूल के प्रांगण में हुआ. इस वर्ग में शामिल होने के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों से महिलाएं पहुंची हैं. ये महिलाएं नेतृत्व विकास, जनजाति आयोग एवं महिला आयोग द्वारा चलायी जा रही योजनाएं, जनजाति परंपरा और संस्कृति की विशेषताएं एवं भाषण कला आदि विषयों पर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्राप्त करेंगी. उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि कोल्हान विवि की कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि है. बाबा तिलका मांझी, सिदो- कान्हू, चांद-भैरव, फूलों-झानो जैसे वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष शुरू किया. इनके संघर्ष के कारण ही संतालों के लिए संताल परगना बना. परंतु दुर्भाग्य है कि इतिहास के पन्नों में जो जगह इन्हें मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला. राष्ट्रीय सह महिला प्रमुख अनुराधा भाटिया ने कहा कि जनजाति समाज संघर्षशील रहा है, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया. उरांव समाज की सिनगी दई व कैली दई ने मुगलों को तीन-तीन बार युद्ध में पराजित किया था. उदघाटन के मौके पर श्रीहरि वनवासी विकास समिति की अध्यक्ष तनुजा मुंडा, वनवासी कल्याण केंद्र के महामंत्री धनंजय सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत, प्रांत संगठन मंत्री सुशील मरांडी, क्षेत्रीय महिला प्रमुख सुलेखा कुमारी सहित अन्य उपस्थित थीं.

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