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चंद्रयान-3 की हुई सफल लॉन्चिंग, झारखंड के सोहन यादव की भी रही अहम भूमिका, पढ़ें मां ने क्या कहा

चंद्रयान-3 से झारखंड के सोहन यादव भी जुड़े हुए हैं. सोहन खूंटी के तोरपा के रहने वाले हैं और पिछले 7 सालों से इसरो से जुड़े हैं. चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग में झारखंड के सोहन की भी अहम भूमिका रही. प्रभात खबर की टीम ने सोहन के परिवार से बात की.

चंद्रयान-3 का श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफल लाॉन्चिंग हो गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 आज आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया है. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया की नजर थी. सफल लॉन्चिंग के बाद अब लैंडिंग का इंतजार है. अगर लैंडिंग सफल रही, तो संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा.

झारखंड में बना चंद्रयान-3 का लॉन्चिंग पैड

भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पूरे देश के लिए गर्व का क्षण था. उतना ही गौरव का विषय यह झारखंड के लिए भी था, क्योंकि जिस एसएलपी सेकेंड लांचिंग पैड से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हुई उसका कार्यादेश टर्न-की प्रोजेक्ट के तहत मेकन को मिला था. मेकन के अभियंताओं ने इसका डिजाइन बनाया था. इसके आधार पर सेकेंड लांचिंग पैड का निर्माण एचईसी रांची में हुआ. एचईसी के अधिकारी ने बताया कि एसएलपी के लिए जरूरी उपकरणों का निर्माण एचईसी के वर्कशॉप में किया गया है. सेकेंड लॉन्चिंग पैड 84 मीटर ऊंचा है. इसके अलावा एचईसी ने ही विभिन्न क्षमता के टावर क्रेन, प्लेटफॉर्म, स्लाइडिंग डोर, 400 टन इओटी क्रेन और मोबाइल लॉन्चिंग पेडस्टल भी तैयार किये.

चंद्रयान-3 से जुड़े हैं झारखंड के बेटे सोहन

इसके अलावा चंद्रयान-3 से झारखंड के सोहन यादव भी जुड़े हुए हैं. सोहन खूंटी के तोरपा के रहने वाले हैं और पिछले 7 सालों से इसरो से जुड़े हैं. चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग में झारखंड के सोहन की भी अहम भूमिका रही. प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) ने सोहन के परिवार से बात की. उनके परिवार में खुशी की लहर है. सोहन की मां देवकी देवी ने मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैष्णो देवी जाकर प्रार्थना की. सोहन के बड़े भाई उन्हें वैष्णो देवी लेकर गए हैं. सोहन की दो बहनें और एक बड़े भाई हैं. बड़े भाई का नाम गगन यादव है.

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क्या कहती हैं सोहन यादव की मां

सोहन यादव तपकारा जैसे छोटे से गांव में पले बढ़े हैं. सोहन की मां बताती हैं कि सोहन बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थे. पिता घुरा यादव ट्रक ड्राइवर हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने के बावजूद सोहन की पढ़ाई में कभी रुकावट नहीं आने दी. माता-पिता ने सोहन को पहले शिशु विद्या मंदिर में पढ़ाया, फिर जवाहर नवोदय विद्यालय मेसरा और उसके बाद डीएवी बरियातू में उनका दाखिला करवाया. इसके बाद सोहन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी केरल से पढ़ाई की और इंजीनियर बन गए. इसके बाद वर्ष 2016 में सोहन इसरो से जुड़ गए. सोहन चंद्रयान-2 में भी अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं. इसके अलावा वे इसरो के ‘गगनयान’ प्रोग्राम का भी हिस्सा रहे.

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मिशन ‘चंद्रयान-3’ का लक्ष्य – रोवर की सॉफ्ट लैंडिंग

बता दें कि मिशन ‘चंद्रयान-2’ के दौरान अंतिम समय में लैंडर ‘विक्रम’ अपने पथ से भटक गया और ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया था. ‘चंद्रयान-3’ अगर अपने मिशन में सफल रहा, तो अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में भारत भी शामिल हो जायेगा. इन दोनों देशों ने चांद पर अपने रोवर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की है.

नयी सीमाओं के पार इसरो

अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा कि ‘चंद्रयान-3’ कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्रमा के भू-भाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नयी सीमाएं पार कर रहा है.

अंतरिक्ष के शीर्ष खिलाड़ियों में भारत : नंबी नारायणन

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने कहा है कि ‘चंद्रयान-3’ की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जायेगा. इससे देश में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी. बता दें कि इस वक्त 600 अरब डॉलर के अंतरिक्ष उद्योग में भारत की हिस्सेदारी बेहद कम है. सिर्फ दो प्रतिशत. इस मिशन की सफलता के बाद इसमें वृद्धि होने की उम्मीद है.

भारत की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

नंबी नारायण ने कहा कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन की सफलता अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा बढ़ावा होगा. उन्होंने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ चांद की सतह पर उतरने में सफल रहा था, लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर और यांत्रिक समस्याओं के कारण ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया.

Also Read: चंद्रयान-3 की उड़ान और झारखंड : मेकॉन के 50 इंजीनियर्स की टीम ने इसरो के लिए डिजाइन किया था लांचिंग पैड
Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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