तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मना 71वां स्थापना दिवस समारोह
83 स्टूडेंट्स और आठ शिक्षकों से हुई थी शुरुआत
अब 10 हजार स्टूडेंट्स, 560 शिक्षक व 19 विभाग
रांची. बीआइटी मेसरा में उत्साह व उमंग के साथ 71वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पूर्व छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में चेयरमैन 5 एफ वर्ल्ड व हनीवैल ऑटोमेशन इंडिया डॉ गणेश नटराजन, आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, संस्थान के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना, रजिस्ट्रार सुदीप दास, पूर्व छात्र व अंतरराष्ट्रीय संबंधों के डीन प्रोफेसर श्रद्धा शिवानी आदि उपस्थित रहे. मुख्य अतिथि डॉ गणेश नटराजन ने कहा कि 1970 के दशक में जब देश बदल रहा था, उस समय बीआइटी मेसरा में आना एक अद्भुत अनुभव रहा. यह संस्थान मेरे जीवन में एक सार्थक स्थान रखता है. आज एआई मुख्य रूप से अमेरिका और चीन द्वारा संचालित है, हमारे जैसे पूर्व छात्रों के पास इस क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में योगदान करने का एक अनूठा अवसर है. डॉ अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बीआइटी मेसरा के प्लेटिनम जुबली समारोह के इस गौरवशाली अवसर का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. यहां आकर पता चलता है कि संस्थान की स्थापना राष्ट्र निर्माण के बड़े विजन के साथ की गयी थी, जिसमें उत्कृष्ट सुविधाएं थीं. आने वाले समय मे बीआइटी मेसरा देश के शीर्ष 20 या शीर्ष 10 संस्थानों में शुमार हो जायेगा. बता दें बीआइटी मेसरा की स्थापना 1955 में हुई थी. उस समय संस्थान में 83 स्टूडेंट्स, आठ शिक्षक, तीन डिपार्टमेंट और एक प्रोग्राम था. वहीं आज संस्थान में लगभग 10 हजार स्टूडेंट्स, 560 शिक्षक, 19 डिपार्टमेंट व 41 कोर्स संचालित हो रहे हैं.संस्थान का शोध व नवाचार पर विशेष जोर
संस्थान के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने कहा देश की आजादी के बाद केवल तीन संस्थान ऐसे हैं, जिन्हें प्लेटिनम जुबली मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. बीआइटी मेसरा भारत के पूर्वी क्षेत्र का पहला संस्थान है, जिसे 1986 में मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. अब हम यूजीसी 2023 विनियमों और यूजीसी 12बी का पालन करते हैं. हमारे सभी परिसर यूजीसी और एआइसीटीई नियमों का पूर्णतः पालन करते हैं और हमारे 90% से अधिक स्नातक पाठ्यक्रम एनबीए मान्यता प्राप्त हैं. संस्थान का हमेशा से शोध व नवाचार पर विशेष जोर रहा है.शिक्षक व पूर्व छात्र हुए सम्मानित
स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान के पूर्व छात्र प्रोफेसर प्रतीक किशोर, प्रदीप दुबे, मनीष तिवारी, अमिताभ पांडा, प्रोफेसर नीरज वर्मा, डॉ भूषण लाल करिहलू, कौशल चक्रवर्ती, भूमि भूते, अर्नब कुमार, अमन शर्मा, डॉ सोमदत्त गोस्वामी व डॉ दिव्या तिवारी को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए प्रतिष्ठित पूर्व छात्र का पुरस्कार दिया गया. संस्थान के दो शिक्षकों फार्मास्युटिकल साइंस विभाग के एसपी भटनागर व मैथेमेटिक्स विभाग के एनसी महंती को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है