रांची. हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन ने एचइसी के ठेका और सप्लाई कर्मियों के मौजूदा आंदोलन को ‘आत्मघाती कदम’ बताया है. साथ ही आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा जारी पास लेकर डयूटी ज्वाइन करने का आह्वान किया है. यूनियन के महासचिव लीलाधर सिंह ने कहा है कि एक जुलाई को दिल्ली में संसदीय समिति की बैठक में एचइसी के पुनरुद्धार को लेकर गंभीर चर्चा हुई. इधर, रांची में कुछ ठेका कर्मियों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया है, जो इस प्रयास को नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि यदि संसदीय समिति को ऐसे संकेत मिले कि एचइसी में कार्य संस्कृति अव्यवस्थित है और कर्मचारी बार-बार हड़ताल करते हैं, तो इससे पुनरुद्धार के प्रयासों पर विपरीत असर पड़ सकता है. पिछले दिनों भेल की हैदराबाद और हरिद्वार इकाइयों के अधिकारी एचइसी के दौरे पर आये थे और एचइसी के अधिकारियों से वार्ता चल रही है. ऐसे समय में आंदोलन करना कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है.
श्री सिंह ने कहा ठेका एवं कर्मी तत्काल प्रभाव से आउटसोर्सिंग एजेंसी का गेट पास फॉर्म भरकर जमा करें. जिनका गेट पास बन चुका है, वे शुक्रवार से नियमित ड्यूटी ज्वाइन करें. श्री सिंह ने भरासो दिलाया है कि सभी कर्मियों को वर्ष भर में कुल 16 अवकाश(पेड हॉलिडे) मिलेंगे, जो एचइसी के स्थायी कर्मियों को मिलनेवाले अवकाश के अनुरूप होगा. प्रत्येक कर्मचारी को पूर्व निर्धारित कॉन्ट्रेक्ट के अनुसार ही वेतन मिलेगा, किसी के वेतन में कटौती नहीं होगी. रविवार को कार्यदिवस में नहीं गिना जायेगा और यदि कोई राष्ट्रीय अवकाश रविवार को पड़ता है, तो उसकी एक अतिरिक्त छुट्टी प्रदान की जायेगी. उन्होंने कहा कि बोनस का भुगतान भी किया जायेगा, जिससे कर्मचारियों में सकारात्मक संदेश जायेगा और कार्यस्थल पर नियमितता बनी रहेगी. वहीं, कर्मियों को इएसआइ कि भी सुविधा मिलेगी. श्री सिंह ने कहा है कि पांच जुलाई को शाम 5.00 बजे यूनियन कार्यालय में कार्यकारिणी की बैठक बुलायी गयी है, जिसमें ठेका कर्मियों से संवाद कर आंदोलन से उत्पन्न गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जायेगी.एचइसी सप्लाई संघर्ष समिति का विरोध रहेगा जारी
एचइसी सप्लाई संघर्ष समिति के मनोज पाठक ने मांग की है कि प्रबंधन पुरानी सुविधा के साथ सप्लाई कर्मियों से काम ले. श्री पाठक ने कहा कि एक ओर पूरे देश में आउटसोर्सिंग एजेंसी के खिलाफ आवाज उठ रही है, इधर एचइसी प्रबंधन वर्षों से काम कर रहे सप्लाई कामगारों की सभी सुविधाएं काट कर आउटसोर्सिंग एजेंसी के हवाले करना चाहती है. प्रबंधन की मंशा क्या है, इसकी जानकारी समिति को दी जानी चाहिए. इसके बाद ही सप्लाई कर्मी प्लांट के अंदर प्रवेश करेंगे. सप्लाई कर्मी किसी भी कीमत पर आउटसोर्सिंग एजेंसी में नहीं जायेंगे.पहले पांच माह का बकाया वेतन दे प्रबंधन
हटिया कामगार यूनियन(एटक) के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि प्रबंधन एचइसी में भेल का पैटर्न अपनाना चाहती है. जहां सप्लाई कर्मियों को न क्वार्टर की सुविधा है, ना ही कैंटीन की. उन्होंने कहा कि जो पुरानी व्यवस्था थी, सप्लाई कर्मी उसी के तहत काम करेंगे. प्रबंधन सितंबर 23 से जनवरी 24 तक का काम करने के बावजूद कर्मियों को वेतन भुगतान नहीं करना चाहता है. सप्लाई कर्मी उस समय बिना ठेकेदार के सीधे प्रबंधन के निर्देश पर विभिन्न कार्यस्थल पर कार्य किया. प्रबंधन क्या करना चाहता है, इसकी वार्ता यूनियन के साथ करे और उसका सर्कुलर जारी करे.………
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