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Kokar Industrial Area News : कोकर इंडस्ट्रियल एरिया से निकल के तो दिखाइए

राजधानी के बीचोबीच 54 एकड़ में फैला काेकर इंडस्ट्रियल एरिया अपनी अव्यवस्था और बदहाली पर शर्मसार है. यहां टूटी सड़कें, बजबजाती नालियां, हर तरफ गंदगी और कचरे का अंबार ही नजर आता है.

रांची. राजधानी के बीचोबीच 54 एकड़ में फैला काेकर इंडस्ट्रियल एरिया अपनी अव्यवस्था और बदहाली पर शर्मसार है. यहां टूटी सड़कें, बजबजाती नालियां, हर तरफ गंदगी और कचरे का अंबार ही नजर आता है. अतिक्रमण तो समस्या है ही, जगह-जगह सड़क किनारे खड़े किये गये कबाड़ हो चुके वाहन भी रही-सही कसर पूरी कर देते हैं. रात में इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें भारी वाहनों का पार्किंग स्थल बन जाता है. स्थिति ऐसी हो गयी है कि यहां पैदल चलना मुश्किल हो गया है. इस पूरे औद्योगिक क्षेत्र में कहीं भी सार्वजनिक टॉयलेट और पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. रोशनी के नाम पर इक्का-दुक्का स्ट्रीट लाइटें ही जलती दिखायी देती हैं. बता दें कि यह क्षेत्र जियाडा के अधीन है. जियाडा हर वर्ष यहां से 16300 रुपये प्रति एकड़ की दर से यूजर चार्ज वसूलता है.

हर गली में औद्योगिक कचरे का अंबार

कोकर इंडस्ट्रियल एरिया की सफाई व्यवस्था को बदतर कहना गलत नहीं होगा. यहां लगभग हर गली में औद्योगिक कचरे का भी अंबार नजर आता है. नालियां भी कचरे से बजबजा रही हैं, जिनसे बदबू उठ रही है. सफाई के नाम पर जहां-तहां नालों को खोदकर उसका मलबा सड़क पर ही छोड़ दिया गया है. बारिश के इस मौसम में नालियों से निकाला गया कचरे का अंबार सड़कों पर बिखर गया है. नतीजन, सड़कों से गुजरना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. हैरानी की बात है कि इस औद्योगिक क्षेत्र में आजतक नियमित सफाई की व्यवस्था नहीं हो पायी है. एक बार टेंडर निकाल कर सफाई करायी जाती है, उसके बाद अगले साल का इंतजार होता है. तब तक लोग कचरे का अंबार व बदबू झेलते हैं.

उद्योग की जगह सर्विसिंग सेंटर और शोरूम खुल रहे पैदल चलना भी मुश्किल

कोकर इंडस्ट्रियल एरिया राजधानी का एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है. पूर्व में यहां केवल उत्पादन इकाइयां ही कार्यरत थीं. फिलहाल यहां करीब 150 इकाइयों में 50 से ज्यादा वाहनों के सर्विस सेंटर, पुरानी गाड़ियों के शोरूम और वेयर हाउस खुल गये हैं. शोरूम और सर्विस सेंटर की अपनी पार्किंग नहीं हैं या हैं भी तो छोटी हैं. ऐसे में उनकी गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी की जाती हैं. कुछ स्थानों पर पुरानी गाड़ियों को खरीदने-बेचने का काम भी सड़क पर ही रहा है. यह भी एक बड़ी वजह है जाम की. रात में तो बड़े व्यावसायिक वाहन इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कों पर खड़े कर दिये जाते हैं. सदर थाना से साधु मैदान तक ये वाहन खड़े रहते हैं.

सुबह से रात तक रहती है जाम की स्थिति

कोकर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़क लालपुर और कांटाटोली को जोड़ने का जरिया है. सुबह से लेकर रात तक इस रूट से हजारों गाड़ियां गुजरती हैं. पुराने वाहनों के शोरूम और सर्विस सेंटर के बाहर खड़ी गाड़ियों के कारण हर दिन इस सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं, आये दिन हादसे भी होते रहते हैं. वेयर हाउस की वजह से औद्योगिक क्षेत्र रात में भारी वाहनों की पार्किंग बन जाता है. जहां-तहां भारी वाहन खड़े कर दिये जाते हैं.

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