डकरा. नौ जुलाई को आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल को जिस तरह एनके एरिया के मजदूरों ने अपनी एकता से प्रभावशाली साबित किया है उससे पता चलता है कि हड़ताल पर रहे मजदूर भविष्य को लेकर कितने चिंतित हैं. भारत सरकार के विरोध में शुरू की गई लड़ाई में यह मजदूरों की पहली जीत है. मजदूरों के इस निर्णय से श्रमिक संगठनों की भी साख बढ़ी है. यह कहना है एनके एरिया के संयुक्त मोर्चा के नेताओं का. डकरा वीआईपी क्लब में बैठक कर हड़ताल की समीक्षा की गयी. कहा गया कि जो लोग यह आरोप लगाते हैं कि कोयला मजदूर सिर्फ बोनस और वेतन मामले में हड़ताल करते हैं, उन्हें कल एनके एरिया के मजदूरों ने करारा जवाब दिया है. जो मजदूर हाजिरी बना कर हड़ताल का विरोध किये हैं, उनके बारे में भी चर्चा की गयी. निर्णय लिया गया कि अब चार दिन के फिजिकल अटेंडेंट की लड़ाई को मजबूती से लड़ी जायेगी. बैठक में ललन प्रसाद सिंह, प्रेम कुमार, शैलेश कुमार, गोल्टेन प्रसाद यादव, डीपी सिंह, कृष्णा चौहान, ध्वजाराम धोबी, दिनेश भर, देवपाल मुंडा, रंथू उरांव, उदय सिंह, सुरेन्द्र चौहान, हलीम खान, टुपा महतो, रामप्रवेश, रविंद्र बैठा, बिनोद गंझू आदि मौजूद थे.
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